प्रख्यात पत्रकार प्रफुल्ल बिदवई का निधन
एजेंसियां, लंदनप्रख्यात पत्रकार, लेखक और परमाणु विरोधी कार्यकर्ता प्रफुल्ल बिदवई का नीदरलैंड की यात्रा के दौरान 64 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके पारिवारिक मित्र ने ‘द वाइर’ वेबसाइट को बताया कि दिल्ली के रहनेवाले बिदवई एमस्टर्डम में एक सम्मेलन में शरीक होने के लिए आये थे, जब भोजन उनके गले में फंस […]
एजेंसियां, लंदनप्रख्यात पत्रकार, लेखक और परमाणु विरोधी कार्यकर्ता प्रफुल्ल बिदवई का नीदरलैंड की यात्रा के दौरान 64 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके पारिवारिक मित्र ने ‘द वाइर’ वेबसाइट को बताया कि दिल्ली के रहनेवाले बिदवई एमस्टर्डम में एक सम्मेलन में शरीक होने के लिए आये थे, जब भोजन उनके गले में फंस गया और संदिग्ध रूप से दिल का दौरा पड़ने पर मंगलवार शाम उनकी मृत्यु हो गयी. हॉलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने बताया वह इस मामले में सहायता कर रहे हैं. बिदवई एमस्टर्डम के ट्रांसनेशनल इंस्टीट्यूट में फेलो थे, जो अंतरराष्ट्रीय विद्वान व कार्यकर्ताओं का एक संगठन है. एक प्रमुख परमाणु विरोधी कार्यकर्ता होने के अलावा वह नियमित रूप से पत्रिकाओं और अखबारों में लिखा करते थे. उन्होंने ‘1999 न्यू न्यूक्स : इंडिया, पाकिस्तान एंड ग्लोबल न्यूक्लियर डिसआर्ममेंट’ सहित कई पुस्तकें भी लिखी हैं. उनकी वेबसाइट प्रफुल्लबिदवई डॉट ओआरजी के मुताबिक, वो इंडियन काउंसिल फॉर सोशल साइंस रिसर्च, सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑन एजुकेशन और नेशनल बुक ट्रस्ट के सदस्य रह चुके थे. उन्होंने राजनीतिक अर्थशास्त्र, पर्यावरण, टिकाऊ विकास, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और परमाणु विषय पर कई किताबों के सह लेखक थे. वर्ष 1949 में जन्मे बिदवई ने आइआइटी, बांबे से विज्ञान और प्रौद्योगिकी, दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी. भारतीय वाम पंथ में उत्पन्न संकट पर उनकी नयी पुस्तक इस साल के आखिर में रिलीज होनेवाली थी. नागपुर में जन्में बिदवई ने कई साल तक ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में वरिष्ठ संपादक के पद पर काम किया. उन्होंने ‘फ्रंटलाइन’ और ‘हिंदुस्तान’ टाइम्स के लिए कई साल तक नियमित रूप से स्तंभ भी लिखे थे.