जरूरी है असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का संरक्षण

क्षेत्रीय श्रम सम्मेलन शुरू, बोले सीएम रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड एक औद्योगिक प्रदेश है. यहां पर 92 प्रतिशत मजदूर असंगठित क्षेत्र से आते हैं. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संरक्षण देना न सिर्फ राज्य, बल्कि केंद्र सरकार की भी जरूरत है. यह हमारी प्रमुख जिम्मेवारी भी है. मुख्यमंत्री ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2015 7:02 AM
क्षेत्रीय श्रम सम्मेलन शुरू, बोले सीएम
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड एक औद्योगिक प्रदेश है. यहां पर 92 प्रतिशत मजदूर असंगठित क्षेत्र से आते हैं. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संरक्षण देना न सिर्फ राज्य, बल्कि केंद्र सरकार की भी जरूरत है. यह हमारी प्रमुख जिम्मेवारी भी है. मुख्यमंत्री ने राजधानी रांची में गुरुवार को पूर्वोतर राज्यों के क्षेत्रीय श्रम सम्मेलन की शुरुआत की.
उन्होंने कहा कि भूमंडलीकरण के दौर में वैश्विक बाजार में साख बचाने में निजी और सरकारी सभी तरह की कंपनियां और उद्यम लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल आउटसोर्सिग से सरकारी और निजी क्षेत्रों में काम हो रहा है.
नियमित स्तर के श्रमिकों, कर्मियों की संख्या लगातार कम हो रही है. श्रमिक सभी की जरूरतों का ख्याल रखते हैं, इसलिए उनका हित साधना भी सरकार और आम लोगों का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि श्रमिक एक शक्ति के स्नेत हैं, जो सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में अपनी अहमियत रखते हैं.
उन्होंने कहा कि 44 तरह के श्रम कानूनों को घटा कर सिर्फ चार तरह का कोड रखने की दिशा में केंद्र सरकार कार्रवाई कर रही है. इसका स्वागत किया जाना चाहिए. उन्होंने झारखंड के बोकारो शहर में कर्मचारी भविष्य निधि का कॉलेज खोलने का आग्रह केंद्र से किया. राज्य के इएसआइ अस्पतालों में गंभीर बीमारियों के लिए उपकरण देने की भी मांग की.
मुख्यमंत्री और केंद्रीय श्रम नियोजन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय ने संयुक्त रूप से राज्य सरकार के हुनर पोर्टल की शुरुआत की. बिहार के श्रम नियोजन मंत्री दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्णिया, भागलपुर और सहरसा में 100 बेड का इएसआइ अस्पताल स्थापित करने में राज्य को मदद करे.
उन्होंने पटना के फुलवारी शरीफ में अवस्थित अस्पताल को अपग्रेड करने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में ठेका मजदूरों को सूचीबद्ध करने के लिए केंद्र को पहल करनी चाहिए, क्योंकि ठेका मजदूर अधिनियम 1970 को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों में और पारदर्शिता लाने की जरूरत है. केंद्र सरकार के श्रम मंत्रलय और राज्य सरकार के श्रम विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित कर श्रम कानूनों को और पुख्ता बनाया जाना चाहिए.
झारखंड के श्रम मंत्री राज पालिवार ने केंद्र से दो मेडिकल कॉलेज खोलने का आग्रह किया. इएसआइ अस्पताल के आधुनिकीकरण पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने श्रम शक्ति पहचान अभियान शुरू किया है. इसके तहत 50 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूर को जोड़ा जायेगा.
कार्यक्रम में ओड़िशा के श्रम मंत्री प्रफुल्ल मल्लिक, बंगाल के श्रम मंत्री मलय घटक, छत्तीसगढ़ के भैया लाल रजवाड़े ने भी अपने विचार रखे. केंद्रीय श्रम मंत्रलय के अपर सचिव दीपक कुमार ने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत अब श्रमिकों को भी लाभ का हिस्सेदार बनाये जाने का काम हो रहा है. स्वागत श्रम सचिव राहुल शर्मा ने किया.

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