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सख्त आदेश दे सकती है अदालत, डोरंडा दुष्कर्म मामले पर कोर्ट ने पुलिस को लगायी कड़ी फटकार
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को डोरंडा में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या सहित राज्य में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की जांच को […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को डोरंडा में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या सहित राज्य में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की जांच को असंतोषजनक बताया. राज्य में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार की घटनाओं को रोकने का निर्देश दिया. पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कड़ी फटकार लगायी.
खंडपीठ ने कहा कि इस गंभीर मामले की जिस तरह से हल्के में जांच की गयी है, उससे पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो जाते हैं. यदि जांच का तार्किक तरीके से परिणाम नहीं आता है, तो कोर्ट सिटी एसपी के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करेगी और सख्त आदेश पारित करेगी. मामले की स्वतंत्र एजेंसी से भी जांच करायी जा सकती है. खंडपीठ ने यह भी कहा कि देखते हैं जांच का क्या परिणाम सामने आता है. आज हम स्वयं आदेश पारित करने से अपने को रोक रहे हैं, लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा. पुलिस ऑफिसर की सेवा पुस्तिका में इस बात को दर्ज किया जायेगा कि भविष्य में इन्हें कोई जिला नहीं दिया जाये.
डेढ़ साल से दुष्कर्म मामले की जांच चल रही है, लेकिन कोई तार्किक नतीजा नहीं निकल पाया. सिटी एसपी आइपीएस ऑफिसर की तरह मामले की जांच करें. खंडपीठ ने कोर्ट के आदेश की प्रति डीजीपी को भेजने तथा अगली सुनवाई के पूर्व स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. लंबित मामलों में तेजी से अनुसंधान कार्य पूरा करने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेश शंकर ने बताया कि अब तक जांच में कोई भी दोषी नहीं मिला है. मामले का सुपरविजन रांची रेंज के डीआइजी स्वयं कर रहे है. उन्होंने चार जून 2015 को सिटी एसपी को चार बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया है. गवाहों का पॉलीग्राफिक टेस्ट कराना, मो तौफिक, मो नौशाद, नसीमा परवीन, मो राजू, मो कमर, सरबरी खातून की घटना के पहले, घटना के दिन व घटना के बाद की गतिविधियों की सूक्ष्मता से जांच करने, मृतका के पिता अपने हिस्से की जमीन पुत्री को देनेवाले थे सहित अन्य बिंदुओं पर गहराई से जांच करने का निर्देश सिटी एसपी को दिया गया है. पुलिस शीघ्र ठोस नतीजे पर पहुंच जायेगी.
अप्रैल 2013 से मार्च 2015 तक 2545 दुष्कर्म के मामले विभिन्न थानों में दर्ज किये गये है. 1,714 मामलों में चाजर्शीट दाखिल की जा चुकी है. 457 मामलों में अनुसंधान चल रहा है, जबकि 374 मामलों में फाइनल फॉर्म दिया गया है. गौरतलब है कि डोरंडा में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या की घटना को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील किया था.
राज्य की जेलों में रिक्त पद जल्द भरे जायें : हाइकोर्ट
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्य की जेलों की स्थिति में सुधार व रिक्त पदों को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जेलों में रिक्त पड़े सभी पदों को जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने कहा कि जेपीएससी द्वारा जारी नियुक्ति परीक्षा को चार सप्ताह के अंदर पूरा किया जाये. साथ ही रिक्त पदों के लिए विभाग जो नियमावली बना रहा है, उसे भी चार सप्ताह में अंतिम रूप देते हुए नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाये.
इस कार्य को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रोबेशन ऑफिसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया जेपीएससी द्वारा की जा रही है. परीक्षा ली जा चुकी है. जेलों में अन्य रिक्त पदों को भरने के लिए नियमावली बनायी जा रही है. इसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
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