रांची (सुनील चौधरी). राजधानी में वर्ष 2025 में बिजली नेटवर्क के विस्तारीकरण और सुदृढ़ीकरण की योजना बनायी गयी है. अगले एक साल के लिए रांची सर्किल ने योजना बनायी है. इसके तहत 4930 किमी एरियल बंच (एबी) कंडक्टर यानी कि कवर्ड वायर लगाये जायेंगे. इसकी तैयारी विद्युत आपूर्ति अंचल रांची ने कर ली है. रांची में वर्तमान समय में 3123 कवर्ड वायर लगाये जा चुके हैं. एक साल में ही 4930 किमी एबी केबुल लगाकर लगभग सभी इलाकों में नंगे तार को हटाया जाना है. इससे बिजली दुर्घटना की आशंका कम होती जायेगी.
414 किमी है 33 केवी अंडरग्राउंड नेटवर्क
राजधानी में फिलहाल 414 सर्किट किमी 33 केवी अंडग्राउंड केबल नेटवर्क है. वहीं 226 किमी 11 केवी अंडरग्राउंड नेटवर्क है. 33 केवी लाइन ग्रिड से पावर सबस्टेशन को जोड़ती है, जबकि 11 केवी लाइन पावर सबस्टेशन से ट्रांसफॉर्मर तक आती है. वहीं ट्रांसफॉर्मर से घरों तक आनेवाली लाइन को एलटी लाइन कहा जाता है, जो सबसे अधिक है. रांची में 8000 ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं. जिससे करीब चार से पांच हजार सर्किट किमी एलटी लाइन निकलती है.
नये ट्रांसफॉर्मर लगाने की तैयारी
वर्ष 2025 में ही 2011 नये ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. 950 किमी 11 केवी लाइन भी जोड़ी जा रही है. वहीं 3930 किमी वितरण लाइन एबी केबुल से जुड़ने जा रही है. बताया गया कि शहर की जितनी भी संकरी गलियां हैं, उनमें ओवरहेड तार से बिजली आपूर्ति की गयी है. उन सभी जगहों पर पहले चरण में एबी केबल लगाये जायेंगे.नये पावर सबस्टेशन भी बनाये जायेंगे
वर्ष 2025 में रांची जिले के जामचुआं नामकुम और कोकर बिजली कॉलोनी में नये पावर सबस्टेशन बनाये जायेंगे. वर्तमान पावर सबस्टेशनों में जहां भी पांच एमवीए के पावर ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं, वहां पांच एमवीए से 10 एमवीए के पावर ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. वर्ष 2025 में 20 सबस्टेशनों की क्षमता बढ़ायी जायेगी. साथ ही 1.17 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे.दूसरे चरण में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम होगा
वर्ष 2025 में एरिया का सर्वे भी होगा. अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में 600 सर्किट किमी 11 केवी लाइन है, जिसे अंडरग्राउंड किया जायेगा. इसी तरह 100 किमी के करीब 33 केवी लाइन है, जिसे अंडरग्राउंड किया जायेगा. मेन रोड में सुजाता चौक से लेकर शहीद चौक तक अभी भी ओवरहेड तार से ही बिजली आपूर्ति की जाती है. दूसरे चरण में यहां भी अंडरग्राउंड केबल लगाया जाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है