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सिर्फ निदरेष को जेल, कार्रवाई नहीं

2013 में डोरंडा में बच्ची से दुष्कर्म के बाद की गयी थी हत्या, अब तक रांची : डोरंडा में बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने अभी तक निदरेष युवक सद्दाम को जेल भेजने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस अब तक हत्या का कारण और हत्यारे का पता नहीं […]

2013 में डोरंडा में बच्ची से दुष्कर्म के बाद की गयी थी हत्या, अब तक
रांची : डोरंडा में बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने अभी तक निदरेष युवक सद्दाम को जेल भेजने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस अब तक हत्या का कारण और हत्यारे का पता नहीं लगा सकी है. पुलिस को शुरू से इस केस में गुलाम सरवर, सरवरी खातून उर्फ सरवरी बेगम उर्फ शहजादी खातून और अनीषा भी भूमिका पर संदेह है.
इनकी भूमिका पर पुलिस को गहराई से जांच करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. पुलिस को मामले की तह तक जाने के लिए इन सभी का पॉलीग्राफी टेस्ट करवाना था. लेकिन अभी तक पुलिस ने सद्दाम के अलावा किसी और का पॉलीग्राफी टेस्ट
नहीं कराया.
सिटी एसपी जया रॉय का कहना है कि जिनका पॉलीग्राफी टेस्ट होना है, अभी तक उनसे पॉलीग्राफी टेस्ट कराने को लेकर सहमति नहीं मिली है. किसी की सहमति के बिना पुलिस उसका पॉलीग्राफी टेस्ट नहीं करा सकती है. इस वजह से पुलिस को किसी की संलिप्तता के संबंध में ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं.
उल्लेखनीय है कि बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को लेकर हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. मामले की सुनवाई गत शुक्रवार को हुई, जिसमें न्यायालय ने अनुसंधान के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द से जल्द अनुसंधान पूरा करने का निर्देश पुलिस को दिया है.
दारोगा और इंस्पेक्टर कर चुके हैं अनुसंधान
घटना के दौरान डोरंडा थाना के थानेदार इंस्पेक्टर फोजैल अहमद थे. उस दौरान केस की जांच सब इंस्पेक्टर शैलेश कुमार ने शुरू की थी. शैलेश कुमार का तबादला होने के बाद जांच डोरंडा थाना प्रभारी सुबोध श्रीवास्तव ने शुरू की. लेकिन उन्हें भी जांच के दौरान कोई साक्ष्य नहीं मिले.
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में साक्ष्य की कमी दिखाते हुए अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की थी, लेकिन न्यायालय ने पुलिस की रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए फिर से जांच का आदेश दिया. इसके बाद जांच की जिम्मेवारी तत्कालीन सिटी एसपी अनुप बिरथरे को मिली. उनका तबादला होने के बाद जांच की जिम्मेवारी वर्तमान सिटी एसपी जया राय को सौंपी गयी.
27 जून, 2013 को किया गया था सद्दाम का पॉलीग्राफी टेस्ट
बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने सिर्फ शक के आधार पर सद्दाम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन पुलिस को अनुसंधान के दौरान उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले.
इसके बाद पुलिस ने सद्दाम पर आरोप साबित करने के लिए उसका पॉलीग्राफी टेस्ट कराने का निर्णय लिया. दिल्ली से आयी विशेषज्ञों की टीम ने 27 जून, 2013 को सद्दाम का पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया. लेकिन पॉलीग्राफी टेस्ट में सद्दाम के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले. तब पुलिस ने साक्ष्य की कमी दिखाते हुए उसके खिलाफ अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में भेज दी. जिसके बाद सद्दाम जेल से रिहा किया गया.
मैंने केस का प्रभार पूर्व सिटी एसपी अनूप बिरथरे से लिया था. मेरे यहां आने से पहले भी कई पुलिस पदाधिकारी इस मामले की जांच कर चुके हैं. वर्तमान में विभिन्न बिंदुओं पर पुलिस की जांच जारी है. अभी जांच से संबंधित बिंदुओं के बारे में खुलासा नहीं किया जा सकता है. इससे जांच प्रभावित हो सकती है.
डॉ जया राय, सिटी एसपी, रांची

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