रांची दुष्कर्म मामला:झारखंड हाइकोर्ट ने लिया संज्ञान
रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने राजधानी रांची में कल दो बच्चियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं और एक की हत्या के अखबारों में आज प्रकाशित समाचार का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही उसने दिल्ली […]
रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने राजधानी रांची में कल दो बच्चियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं और एक की हत्या के अखबारों में आज प्रकाशित समाचार का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही उसने दिल्ली में 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद कानून में हुए संशोधनों के आलोक में राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी मांगी है.
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाशचंद्र टांटिया और पीपी भट् की खंड पीठ ने आज के अखबारों में कल की दोनों घटनाओं के प्रकाशित समाचार का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी किए. ज्ञातव्य है कि झारखंड की राजधानी रांची में राष्ट्रपति शासन का मखौल उड़ाते हुए गुरुवार को जहां एक घटना में दरिदों ने डोरंडा के दर्जी मोहल्ले में एक पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी गला घोंटकर नृशंस हत्या कर दी थी वहीं एक अन्य घटना में लालपुर इलाके में शाम को साढ़े चार वर्ष की एक बच्ची के साथ दुराचार की कोशिश करते एक चालीस वर्षीय व्यक्ति को पकड़ कर लोगों ने बुरी तरह पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया था.
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक साकेत कुमार सिंह ने बताया था कि गुरुवार की सुबह पुलिस ने एक सूचना के आधार पर डोरंडा के दर्जी मोहल्ले से एक मकान में पड़ा पांच वर्षीया बालिका का क्षत विक्षत शव बरामद किया था जिसके साथ दुष्कर्म करने के बाद दरिंदों ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी. उन्होंने बताया कि अंत्य परीक्षण में दुष्कर्म और गला घोंटकर हत्या किये जाने की पुष्टि हो गयी है. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है कि आखिर न सिर्फ राज्य की राजधानी बल्कि पूरे झारखंड राज्य में ऐसे मामलों में हो रही वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.
न्यायालय ने टिप्पणी की कि देश में दुष्कर्म के मामलों से निपटने के लिए कड़े कानून बनाये गये हैं लेकिन इसके बाद यहां इस तरह की घटनाएं तो बढ़ती ही जा रही हैं. उसने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में पीड़ितों की मानसिक स्थिति गंभीर होती है और इस अपराध की भुक्तभोगी को अपराधी को सजा देने से पूर्ण न्याय नहीं मिलता है. न्यायालय ने इस मामले में तीस अप्रैल तक राज्य सरकार के तीनों शीर्ष अधिकारियों से अपना हलफनामा दाखिल कर जवाब देने के निर्देश दिये हैं. अखबारों में हाल के महीनों में ही एक दर्जन से अधिक दुष्कर्म के मामलों में पुलिस के कार्रवाई न करने अथवा प्राथमिकी न दर्ज करने के प्रकाशित समाचार का भी संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने अधिकारियों से जवाबतलब किया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए तीस अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी है.
इस बीच दर्जी मोहल्ले के लोगों और बालिका के माता पिता ने बच्ची के साथ दिल्ली की हाल की घटना की तरह बहशीपन किये जाने के आरोप लगाये हैं. पूरे इलाके में लोगों में भारी रोष है और उन्होंने पुलिस पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है.
उनका आरोप है कि बच्ची दो दिनों से लापता थी जिसकी सूचना पुलिस को दे दी गयी थी लेकिन पुलिस ने बच्ची को तलाशने और दोषियों को पकड़ने में कोई रुचि नहीं दिखायी जिसके चलते बच्ची की जान चली गयी. बच्ची की लाश एक निर्माणाधीन मकान से बरामद की गयी जो बालिका के मकान के ठीक सामने स्थित है. बालिका के घर वालों ने आरोप लगाया कि यदि पुलिस ने समय से कार्रवाई की होती तो बच्ची की जान बचायी जा सकती थी. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है लेकिन उसे खास सफलता नहीं मिली है. यद्यपि इस मामले में उसने दो लोगों को हिरासत में लेने का दावा किया है. गुरुवार की शाम मृत पांच वर्षीया बालिका का जनाजा निकला जिसमें क्षेत्र के बहुत से लोग शामिल हुए और उन्होंने राज्य सरकार को शुक्रवार तक आरोपियों को हर हाल में पकड़ लेने की चेतावनी दी.
इस बीच गुरुवार को ही रांची के लालपुर इलाके में वर्धमान कंपाउंड इलाके में एक साढ़े चार वर्षीया बालिका के साथ दुराचार करने का प्रयास करते चालीस वर्षीय व्यक्ति को पकड़ कर स्थानीय लोगों ने जमकर पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है और मामले की जांच कर रही है.