केजरीवाल सरकार को हाइकोर्ट का झटका

मीणा बने रहेंगे एसीबी प्रमुखकोर्ट ने मीणा के एसीबी प्रमुख कार्यालय में प्रवेश व कामकाज संभालने पर रोक संबंधी दिल्ली सरकार का अनुरोध ठुकरायाकेंद्र को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में मांगा जवाबएजेंसियां, नयी दिल्लीदिल्ली हाइकोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) प्रमुख के पद पर संयुक्त आयुक्त एमके मीणा की नियुक्ति मामले में दिल्ली सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 5:04 PM

मीणा बने रहेंगे एसीबी प्रमुखकोर्ट ने मीणा के एसीबी प्रमुख कार्यालय में प्रवेश व कामकाज संभालने पर रोक संबंधी दिल्ली सरकार का अनुरोध ठुकरायाकेंद्र को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में मांगा जवाबएजेंसियां, नयी दिल्लीदिल्ली हाइकोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) प्रमुख के पद पर संयुक्त आयुक्त एमके मीणा की नियुक्ति मामले में दिल्ली सरकार को झटका देते हुए सोमवार को कहा कि मीणा एसीबी प्रमुख के पद पर फिलहाल बने रहेंगे. कोर्ट ने मीणा के एसीबी प्रमुख कार्यालय में प्रवेश करने और कामकाज संभालने पर रोक संबंधी दिल्ली सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया. कोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय की गत 21 मई की अधिसूचनाओं की संवैधानिकता को चुनौती देनेवाली दिल्ली सरकार की याचिका में मीणा को पक्षकार बनाने से भी इनकार कर दिया.अगली सुनवाई 11 अगस्त को न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया और दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने उप-राज्यपाल नजीब जंग द्वारा एसीबी प्रमुख पद पर मीणा की नियुक्ति को लेकर हाइकोर्ट में गत शनिवार को अंतरिम याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि गृह मंत्रालय की अधिसूचनाओं के खिलाफ उसकी पूर्व की मूल याचिका के निपटारे तक मीणा को एसीबी से बाहर रखा जाना चाहिए. याचिका में कहा गया था कि एसीबी में संयुक्त आयुक्त के पद का कोई प्रावधान नहीं है. सरकार का कहना है कि जब ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है, तो एसीबी में संयुक्त आयुक्त पद पर की गयी मीणा की नियुक्ति भी गैर-कानूनी और असंवैधानिक है. मीणा की नियुक्ति जंग ने की है, जबकि एसएस यादव की नियुक्ति दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की ओर से की गयी है.

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