थम नहीं रहा है हाथियों का उत्पात

सोनाहातू. राहे और सोनाहातू प्रखंड में जंगली हाथियों का उत्पात थम नहीं रहा है. आये दिन इन दोनों प्रखंड के किसी न किसी गांव में हाथी उत्पात मचाते हैं. घरों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. वन विभाग हाथी प्रभावित गंावों में वन समिति का गठन कर राशि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 11:04 PM

सोनाहातू. राहे और सोनाहातू प्रखंड में जंगली हाथियों का उत्पात थम नहीं रहा है. आये दिन इन दोनों प्रखंड के किसी न किसी गांव में हाथी उत्पात मचाते हैं. घरों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. वन विभाग हाथी प्रभावित गंावों में वन समिति का गठन कर राशि उपलब्ध कराती है, ताकि ग्रामीणों को हाथी भगाने के लिए ट्रेनिंग दी जा सके और संसाधन की व्यवस्था हो सके. बताया जाता है कि दोनों प्रखंड में 26 वन समितियां हैं. सभी वन समिति को जरूरत के अनुसार राशि उपलब्ध करायी जाती है.ये गंाव हैं हाथी प्रभावित : कापीडीह, फुलवार, सेरेंगडीह, सीरीडीह, होटलो, चंदनडीह, बेला, राहे, महुवाडीह, जराडीह, सुअरमारा, धतकीजारा, सिसीटाड़, पोआदिरी, कुडियामू, लुपुंगडीह, जिंतू, कुदाडीह,महकमशीला, जोजोपीडी, रघुबेड़ा, बरसालडीह, पुडदाग, तेतला, जाड़ेया, बलुवाडीह, बीरदीडीह, सालसूद, वनडीह, डोमाडीह, बारेंदा, चरकुडीह, मारांगकिरी, दुलमी, हेसाडीह, तिलाईपीड़ी, लांदुपडीह, सेरेंगडीह, मायनोडीह, जिलिंगसेरेग, कोकाडीह, सावडीह, पापरीदा, बांधडीह, राणाडीह, नरसिंह लोवाडीह, भुसुडीह, कोडाडीह व सालगाडीह आदि. वनपाल अशोक कुमार के अनुसार, हाथियों को भगाने का प्रयास होता है, लेकिन हाथी गांव से भाग कर दूसरे गांव में पहुंच जाते हैं. अगले दिने दूसरे गांव में हमला कर देते हैं. हमारा प्रयास गांव के युवकों को ही हाथी भगाने की ट्रेनिंग देने की है.

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