पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोरचा ने राजभवन के समक्ष दिया धरना
रांची : राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरी एवं शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़ी जातियों के आरक्षण में की गयी कटौती के विरोध में सोमवार को झारखंड पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोरचा ने एकदिवसीय धरना राजभवन के समक्ष दिया.
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि झारखंड में 55 प्रतिशत आबादी पिछड़ी जातियों की है. परंतु सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक कार्यो में मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है.
जबकि बिहार में पिछड़ा वर्ग को 33.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. इसलिए बिहार की तर्ज पर ही राज्य में 34 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ी जातियों को दिया जाये. श्री महतो ने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी स्पष्ट शब्दों में यह कहा है कि झारखंड में आरक्षण की सीमा फिलहाल 50 प्रतिशत होगी और 23 प्रतिशत आरक्षण पूर्व की भांति दिया जाता रहेगा.
परंतु झारखंड सरकार ने ऐसा नहीं किया. राज्य के मुख्यमंत्री खुद पिछड़ा वर्ग से आते हैं, परंतु उन्होंने भी पिछड़े वर्ग की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक समस्याओं को दरकिनार कर दिया. श्री महतो ने कहा कि अगर झारखंड में पिछड़ा वर्ग को 34 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया, तो मोरचा जिला वार आंदोलन चलायेगा.
पिछड़ा जागरूकता रथ पूरे प्रदेश में घुमाया जायेगा. धरना को इंद्रदेव महतो, चेतलाल महतो, राजेंद्र महतो, प्रो रिजवान अली अंसारी, हाजी मो नेसार, तारकेश्वर महतो, विजय साहु, अरुण कश्यप, अब्दुल खालिक, बबन राउत, गुलाब महतो, शेख वकील, राजू कुमार जायसवाल, महेंद्र ठाकुर, भरत ठाकुर, आरएस सिंह, भूनेश्वर सिन्हा, विजय महतो, धमेंद्र कुमार, समीर अंसारी आदि ने संबोधित किया. धरना कार्यक्रम के पश्चात मोरचा के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.