एक और हूल की जरूरत : हेमंत
राज्यभर में हूल दिवस पर सिदो-कान्हू को श्रद्धांजलि दी गयी. उनकी शहादत, नेतृत्वक्षमता और आंदोलन को याद कर प्रेरणा ली गयी. राजधानी में विभिन्न संगठनों व राजनीतिक पार्टियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने की बात कही. वहीं, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सिदो-कान्हू के जन्म स्थल भोगनाडीह […]
राज्यभर में हूल दिवस पर सिदो-कान्हू को श्रद्धांजलि दी गयी. उनकी शहादत, नेतृत्वक्षमता और आंदोलन को याद कर प्रेरणा ली गयी. राजधानी में विभिन्न संगठनों व राजनीतिक पार्टियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने की बात कही.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सिदो-कान्हू के जन्म स्थल भोगनाडीह में एक नये हूल का आह्वान किया. इसी जगह से हूल विद्रोह की शुरुआत भी हुई थी. झारखंड के इन सपूतों ने ब्रिटिश शत्ता, साहूकारों, व्यापारियों व जमींदारों के खिलाफ संथाल विद्रोह ( हूल आंदोलन) का नेतृत्व किया था.
14 वर्षो में 14 सरकार बनी, लेकिन नहीं बदले हालात. छह माह से जो सरकार सूबे में चल रही है, उससे सिर्फ व्यापारियों का ही हो रहा है विकास
बरहेट/रांची : बरहेट-भोगनाडीह में आयोजित 160 वें हूल दिवस के अवसर पर मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने जन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जनता को अब एकजुट होकर एक और हूल करने की जरूरत है, ताकि सूबे में आम जनता की सरकार बन सके.
सिदो-कान्हू ने भोगनाडीह से आंदोलन शुरू कर अंगरेजी हुकूमत को यहां से उखाड़ फेंका था. 14 वर्षो में 14 प्रकार की सरकार सूबे में बनी है, लेकिन यहां की स्थिति नहीं बदली. जब सूबे में हमारी सरकार थी, तो भोगनाडीह एवं शहीदों के परिजनों के हालात बदलने का प्रयास किया था, लेकिन छह माह से जो सरकार सूबे में चल रही है, उससे व्यापारियों का ही विकास हो रहा है. आम जनता का विकास नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के नाम पर सरकार लूट मचा रखी है. गरीबों की जमीन जबरदस्ती ली जा रही है. विस्थापितों को उचित मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा है. झारखंड वीरों का प्रदेश है और इस प्रदेश में वीर युवाओं को नौकरी व रोजगार के साधन नहीं मिल रहे हैं.
बड़ी संख्या में मजदूरों का भी पलायन दूसरे प्रदेशों में हो रहा है. विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि शहीदों के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों को जनता जान चुकी है, अब यह बरदाश्त नहीं किया जायेगा. पूर्व मंत्री लोबिन हेंब्रम ने कहा कि 30 जून 1855 को वीर शहीद सिदो-कान्हू ने अंगरेजों के खिलाफ हजारों आदिवासियों का नेतृत्व करते हुए आंदोलन किया था.
मौके पर केंद्रीय सचिव पंकज मिश्र, जिला अध्यक्ष एमटी राजा, वरीय नेता अब्दुल कादिर, जिला सचिव जोसेफ सोरेन सहित अन्य लोग मौजूद थे. कार्यक्रम में मंच का संचालन प्रखंड अध्यक्ष राजाराम मरांडी ने किया.
सिदो-कान्हू के स्मारक स्थल पर शिबू सोरेन अर्पित किया श्रद्धा सुमन
चितरा : एसपी माइंस चितरा कोलियरी प्रक्षेत्र के बगदाहा स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा व मानपुर स्थित गिरफ्तारी स्थल पर बने सिदो-कान्हू के स्मारक स्थल पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया. श्री सोरेन ने कहा कि सिदो-कान्हू के आंदोलन की वजह से ही अंगरेजी शासन का खात्मा हुआ. अंगरेजों को भगाने में उन्होंने अपनी अहम भूमिका अदा की थी. सिदो-कान्हू के बलिदान को हम झारखंडी कभी भुला नहीं पायेंगे.
बागदाहा हाई स्कूल मैदान में खेलकूद प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. इस दौरान पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता के अलावे विजय सिंह, झामुमो जिलाध्यक्ष नरसिंह मुमरू, उदेश्वर मुमरू देशमांझी, सुरेश यादव, चांदो मंडल, हरिकिशोर कोल, सिलास मुमरू, बबलू हांसदा, शिवाधन किस्कू समेत अन्य उपस्थित थे.
रांची : आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा है कि हूल दिवस झारखंड के लिए सिर्फ एक सरकारी अवकाश का दिन नहीं है, बल्कि गौरवशाली शहादत के इतिहास से प्रेरणा लेनेवाला भी दिन है. यह सामूहिक स्मृति का दिन है. सिदो-कान्हू ने इस धरती को शोषण मुक्त करने के लिए बलिदान दिया.
श्री महतो राजधानी के सिदो-कान्हू पार्क में आजसू पार्टी द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे. मौके पर विधायक विकास कुमार मुंडा ने कहा कि सिदो-कान्हू की शहादत से शोषण के खिलाफ संघर्ष की प्रतिबद्धता का जज्बा पैदा होता है. पूर्व विधायक और महासचिव उमाकांत रजक ने कहा कि संताल विद्रोह के नायकों द्वारा फूंके गये बिगुल की अनुगूंज आज तक सुनायी देती है. डॉ देवशरण भगत ने कहा कि झारखंड के आंदोलनकारियों को उनका वाजिब हक और सम्मान देने का वक्त आ गया है.
मौके पर पार्टी महासचिव रोशनलाल चौधरी, अनिल टाइगर, बीके चांद, वायलेट कच्छप, मुनचुन राय, वीरेंद्र कुमार, ललित ओझा, नइम अंसारी, डॉ विनय भरत, अंचल किंगर, रवि सिंह, आशुतोष गोस्वामी, हरीश कुमार, बबलू मुंडा, राहुल सिंह, रवि मुंडा, ओम वर्मा सहित कई नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया.