एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रु ख अपनाते हुए एक अहम आदेश में कहा है कि दुष्कर्म के मामलों में पीडि़ता और आरोपी के बीच कोई समझौता नहीं हो सकता. न्यायालय ने साफ कहा है कि पीडि़त और आरोपी के बीच शादी के लिए समझौता करना ‘बड़ी गलती’ और पूरी तरह से ‘अवैध’ है. साथ ही उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म के मामलों में अदालतों के नरम रु ख को भी गलत ठहराया और इसे महिलाओं की गरिमा के खिलाफ बताया.यह है मामलामदनलाल नामक व्यक्ति के खिलाफ सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. उसे मध्य प्रदेश की अदालत ने इस जुर्म में दोषी मानते हुए पांच वर्ष कैद की सजा सुनायी, लेकिन हाइकोर्ट ने इसे छेड़छाड़ का मामला बताते हुए इस आधार पर रिहा कर दिया कि वह पहले ही एक साल से ज्यादा वक्त जेल में बिता चुका है. इसके खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय को आदेश दिया कि वह केस को दोबारा से सुने. साथ ही न्यायालय ने मदनलाल की तुरंत गिरफ्तारी के आदेश भी दिये. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह का किसी भी समझौता महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है.
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दुष्कर्मी से शादी के जरिये समझौता गैर-कानूनी : सुप्रीम कोर्ट
एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रु ख अपनाते हुए एक अहम आदेश में कहा है कि दुष्कर्म के मामलों में पीडि़ता और आरोपी के बीच कोई समझौता नहीं हो सकता. न्यायालय ने साफ कहा है कि पीडि़त और आरोपी के बीच शादी के लिए समझौता करना ‘बड़ी गलती’ और पूरी तरह से ‘अवैध’ है. […]
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