इन परियोजना के शुरू होने से तीन हजार करोड़ का निवेश होगा और सालाना 50 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्पादन होगा. मुख्य सचिव की ओर से इस बाबत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को जमीन संबंधी पहचान करने का आदेश दिया गया है. सभी संबंधित जिलों के उपायुक्तों को जमीन की पहचान कर समस्या सुलझाने को कहा गया है.
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सीसीएल खदानों की भूमि संबंधी समस्याओं का निबटारा 15 तक
रांची: राज्य सरकार सेंट्रल कोल फील्ड्स की परियोजनाओं की भूमि संबंधी समस्याओं का निबटारा 15 जुलाई तक कर लेगी. कोल इंडिया की तरफ से सीसीएल की रोहिनी, मगध, आम्रपाली, अशोका, पुरनाडीह, तेतरियाखार, गोविंदपुर फेज-2, पुंडी, उरीमारी, रजरप्पा, कोनार और कारो परियोजनाओं के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस और जमीन की पहचान संबंधी विवादों का मुद्दा उठाया गया […]
रांची: राज्य सरकार सेंट्रल कोल फील्ड्स की परियोजनाओं की भूमि संबंधी समस्याओं का निबटारा 15 जुलाई तक कर लेगी. कोल इंडिया की तरफ से सीसीएल की रोहिनी, मगध, आम्रपाली, अशोका, पुरनाडीह, तेतरियाखार, गोविंदपुर फेज-2, पुंडी, उरीमारी, रजरप्पा, कोनार और कारो परियोजनाओं के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस और जमीन की पहचान संबंधी विवादों का मुद्दा उठाया गया था.
सीसीएल की परियोजनाएं
परियोजना निवेश की राशि उत्पादन
रजरप्पा (ओसीपी) 510.85 करोड़ तीन एमटी
उरीमारी (ओसीपी) 143.57 करोड़ दो एमटी
पुंडी ओसीपी 631.53 करोड़ 2.5 एमटी
गोविंदपुर फेज-2 142.11 करोड़ 1.87 एमटी
तेतरियाखार 78.6 करोड़ दो एमटी
पुरनाडीह 210.98 करोड़ 3 एमटी
अशोक परियोजना 341.63 करोड़ तीन एमटी
आम्रपाली 858.11 करोड़ 12 एमटी
मगध 706.4 करोड़ 20 एमटी
रोहिनी 105.67 करोड़ दो एमटी
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