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झारखंड के हर गांव में पांच नई योजनाएं होंगी शुरू, एक लाख कुआं और तालाब बनाने का CM हेमंत ने दिया निर्देश

झारखंड में सुखाड़ को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक की. इस दौरान ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन के लिए हर गांव में पांच-पांच नई योजनाएं शुरू करने का निर्देश अधिकारियों को दिया. साथ ही सुखाड़ जैसे हालात में खाद्यान्न, पेयजल और पशु चारा की किल्लत नहीं होने की बात कही.

By Samir Ranjan | September 12, 2022 8:04 PM

Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में सूखे की स्थिति और उससे निपटने को लेकर आपदा प्रबंधन प्राधिकार की उच्च स्तरीय बैठक की. इस मौके पर उन्होंने राज्य में वर्षापात और फसलों की बुआई की पूरी जानकारी ली. साथ ही कहा कि सूखे से किसानों, पशुपालकों, श्रमिकों-मजदूरों और ग्रामीणों को राहत देने के लिए सरकार ने तैयारियां तेज कर दी है. मुख्यमंत्री ने हर गांव में कम से कम पांच-पांच नई योजनाएं शुरू करने का निर्देश दिया, ताकि रोजगार सृजन के साथ पलायन को रोका जा सके. कहा कि सुखाड़ जैसे हालात में खाद्यान्न, पेयजल और पशु चारा की कमी न हो, इसको ध्यान में रखते हुए योजनाओं को बनाएं और उसका बेहतर क्रियान्वयन के साथ मॉनिटरिंग भी हो. इस मौके पर विभिन्न विभागों ने सूखे जैसी हालात से निपटने के लिए बनायी जा रही अपनी कार्य योजना से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.

संबंधित विभाग समन्वय बनाकर योजनाएं बनाएं

मुख्यमंत्री ने विभागों से कहा कि वे समन्वय बनाकर योजनाएं बनाएं, ताकि वे बहुउपयोगी साबित हों. उन्होंने विभागों को सुखाड़ जैसे हालात से निपटने के लिए दो हजार से लेकर ढाई हजार करोड़ रुपये तक की योजना बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने सभी योजनाओं की जियो टैगिंग करने का भी निर्देश दिया.

एक लाख नये कुएं और एक लाख तालाब बनाएं जाएंगे

उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति को देखते हुए पूरे राज्य में एक लाख नये कुएं और एक लाख तालाब बनाएं जाएंगे. इसके साथ युद्धस्तर पर चापाकल और चेक डैम की मरम्मत की जाएगी. साथ ही सुखाड़ के मद्देनजर मनरेगा के तहत कच्चे कार्यों पर लगी रोक को हटाने का निर्देश दिया, ताकि ग्रामीण इलाकों में कच्ची सड़कों, तालाब, खेतों में मेढ़, जलकुंड और जल स्रोतों का गहरीकरण आदि का काम शुरू किया जा सके. इससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत ज्यादा से ज्यादा मानव कार्य दिवस सृजित करने का भी निर्देश दिया.

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हर महीने की 5 तारीख तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण सुनिश्चित हो

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सुखाड़ जैसे हालात में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभुकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने लाभुकों के बीच हर माह की पांच तारीख तक पेंशन वितरण को सुनिश्चित करने को कहा. इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अभी 31 लाख पेंशनभोगी है और आठ लाख नये आवेदन पेंशन स्वीकृति के लिए मिले हैं.

पांच लाख नये राशन कार्ड जल्द से जल्द जारी करें

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सूखे जैसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. लोगों को अनाज की किल्लत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पांच लाख नये राशन कार्ड जल्द से जल्द स्वीकृत किया जाए. पीडीएस दुकानों से राशन का वितरण हर महीने सुनिश्चित हो. लोगों को राशन आसानी से उपलब्ध हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा जाए.

मुख्यमंत्री ने ये निर्देश भी दिए

– गौ पालकों के लिए योजना बनाएं. इसके अंतर्गत समूह बनाने वालों को गाय, भैंस उपलब्ध कराएं और दूध की खपत की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि उनकी आय में वृद्धि के साथ दुग्ध उत्पादों की क्वालिटी बनी रहे
– ग्रामीण कृषि उत्पादों को बढ़ावा दें. उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जाए, ताकि उत्पादकों को उसका उचित मूल्य मिलने के साथ उनके उत्पादों को बढ़ावा भी मिल सके
– सूखे के कारण अगर पेयजल संकट पैदा होता है तो टैंकर अथवा अन्य माध्यमों से पेयजल आपूर्ति को सामान्य बनाए रखने के लिए व्यवस्था अभी से सुनिश्चित रखें
– विद्यार्थियों के बीच समय पर छात्रवृत्ति वितरित किया जाए
– सभी सरकारी और रैयती तालाबों का गहरीकरण कार्य शुरू किया जाए
– मनरेगा के तहत मानव सृजन दिवस की गति को तेज किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके
– लघु सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करें, ताकि इसकी वाटर स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने के साथ मछली पालन को बढ़ावा मिल सके
– झारखंड में पर्यटक स्थलों पर रोजगार की संभावनाओं को तलाशें और इसके लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए.

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झारखंड में कुछ ऐसी है सूखे की स्थिति

मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि नौ सितंबर तक राज्य में जो बारिश की स्थिति है, उसके मुताबिक सात जिलों में सामान्य, 15 जिलों में सामान्य से कम और दो जिलों में बहुत ही कम बारिश हुई है. कम बारिश का नतीजा है कि धान समेत अन्य फसलों की बुआई लक्ष्य की तुलना में काफी कम हुई है. इस उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल के अलावा मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, खाद्य आपूर्ति विभाग की प्रधान सचिव हिमानी पांडेय, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीक, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव केएन झा, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ अमिताभ कौशल, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव प्रशांत कुमार , स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा और कृषि निदेशक निशा उरांव मौजूद थीं.

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