रेलगाडि़यों में महिलाओं की सुरक्षा पक्की हो

बांबे हाइकोर्ट ने कहा होएजेंसियां, मुंबईबांबे हाइकोर्ट ने रेलवे से कहा है कि सुरक्षा प्रणाली को उन्नत बनाया जाए ताकि लोकल समेत सभी ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोका जा सके. साथ ही अदालत ने रेलवे से कहा कि एक विशेषज्ञ समिति बनाये जो विश्वस्तर पर उन्नत प्रौद्योगिकियों का अध्ययन कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2015 4:03 PM

बांबे हाइकोर्ट ने कहा होएजेंसियां, मुंबईबांबे हाइकोर्ट ने रेलवे से कहा है कि सुरक्षा प्रणाली को उन्नत बनाया जाए ताकि लोकल समेत सभी ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोका जा सके. साथ ही अदालत ने रेलवे से कहा कि एक विशेषज्ञ समिति बनाये जो विश्वस्तर पर उन्नत प्रौद्योगिकियों का अध्ययन कर सके. न्यायमूर्ति एनएच पाटील और न्यायमूर्ति एसबी सुकरे की खंडपीठ ने कहा, ‘प्लेटफॉर्म एवं अन्य जगहों पर लगे सीसीटीवी पुरानी तकनीक वाले हैं. इससे अपराध रोकने में सहयोग नहीं मिलता. आपको (रेलवे) उन्नत प्रौद्योगिकी लानी चाहिए. विशेषज्ञ तकनीकी समिति बनाने पर विचार कीजिए, जो दुनिया भर में उन्नत प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करे और सुझाव दे सके.’ अदालत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध और इस तरह की घटनाओं को रोकने में राज्य और केंद्र सरकार की ‘विफलताओं’ का मुद्दा उठाया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि मुंबई जैसे सघन आबादी वाले महानगर में श्रमबल की कमी है इसलिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अधिक होना चाहिए. राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि वह उच्च न्यायालय के सुझाव पर विचार कर रही है जो पिछली सुनवाई के दौरान सुझाया गया था. इस सिलसिले में सरकार बंबई शॉप्स एंड इस्टाब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन कर सकती है और अगर किसी दुकान के ट्रायल कक्ष में छुपा हुआ या गुप्त कैमरा पकड़ा जाता है तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. अदालत ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि तीन हफ्ते में हलफनामा दायर करें.

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