आतंकवाद पर केंद्र का रुख सांप्रदायिक : माकपा

नयी दिल्ली. मालेगांव मामले में एनआइए से रफ्तार सुस्त करने के निर्देश मिलने के लोक अभियोजक रोहिणी सालियान के दावों की पृष्ठभूमि में माकपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि आतंकवाद पर मोदी सरकार का रुख सांप्रदायिक है. वह हिदुत्ववादी ताकतों को बचा रही है, जबकि अल्पसंख्यकों को संदेश दे रही है कि उनके साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2015 5:03 PM

नयी दिल्ली. मालेगांव मामले में एनआइए से रफ्तार सुस्त करने के निर्देश मिलने के लोक अभियोजक रोहिणी सालियान के दावों की पृष्ठभूमि में माकपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि आतंकवाद पर मोदी सरकार का रुख सांप्रदायिक है. वह हिदुत्ववादी ताकतों को बचा रही है, जबकि अल्पसंख्यकों को संदेश दे रही है कि उनके साथ ‘कोई इंसाफ’ नहीं होगा. माकपा ने अंगरेजी पार्टी मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के आगामी अंक में अपने एक संपादकीय में कहा कि ‘हिंदुत्ववादी आतंकवादी हमलों’ से संबंधित मामलों में केंद्र का जोड़तोड़ ‘खतरनाक संकेत’ है. माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने अपने संपादकीय में कहा कि सालियान के रहस्योद्धाटन ‘गंभीर’ हैं. उसके निहितार्थ ‘चिंताजनक’ हैं. करात ने कहा, ‘आतंकवाद पर सरकार का सांप्रदायिक रुख और हिंदुत्ववादी आतंकवादी हमलों से जुड़े मामलों में जोड़तोड़ खतरनाक संकेत हैं.’ माकपा नेता ने कहा, ‘इन हमलों में मरे अनेक लोगों और उनके परिवारों के लिए यह संदेश गया है कि उनके साथ कोई इंसाफ नहीं होगा. मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष लोक अभियोजक सालियान ने 25 जून को दावा किया था कि पिछले साल मई मेंं एनआइए के एक अधिकारी ने उनसे मामले में ‘नरम’ रुख अपनाने को कहा था. करात ने कहा, ‘मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से इन मामलों पर सुस्त रफ्तार अपनाने और उन्हें खत्म करने का एनआइए का रुख साफ हो गया. सालियान का साहसिक रहस्योद्घाटन आतंकवादी अपराधों के दोषियों को बचाने की इस शैतानी कोशिश की महज पुष्टि है. संघ परिवार की विकृत दलील के हिसाब से सिर्फ मुसलमान ही आतंकवादी हो सकते हैं, हिंदू नहीं.

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