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बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी स्पीकर से मिलीं, कहा उग्रवादी के हाथों मरने से अच्छा है, आत्मदाह कर लूं
बादल पत्रलेख व इरफान भी मिले विस अध्यक्ष से रांची : बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी ने कहा है कि उग्रवादी के हाथों मरने से अच्छा है कि आत्मदाह कर लूं. राज्य में विधायकों को उग्रवादी की धमकी मिल रही है, लेकिन प्रशासन चुप है. गुरुवार को राज्यसभा में वोटिंग के बाद कांग्रेस विधायक निर्मला […]
बादल पत्रलेख व इरफान भी मिले विस अध्यक्ष से
रांची : बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी ने कहा है कि उग्रवादी के हाथों मरने से अच्छा है कि आत्मदाह कर लूं. राज्य में विधायकों को उग्रवादी की धमकी मिल रही है, लेकिन प्रशासन चुप है. गुरुवार को राज्यसभा में वोटिंग के बाद कांग्रेस विधायक निर्मला देवी के साथ विधायक बादल पत्रलेख और इरफान अंसारी स्पीकर दिनेश उरांव से मिलने पहुंचे.
देर शाम कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की. मुलाकात के बाद शुक्रवार को विस्थापितों के घोषित सामूहिक आत्मदाह करने का निर्णय वापस ले लिया गया. उल्लेखनीय है कि विधायक ने आम्रपाली परियोजना के विस्थापितों की ओर से तीन जुलाई को आत्मदाह की घोषणा की थी.
इससे पूर्व स्पीकर से मिलने पहुंचे विधायकों की शिकायत थी कि एक जुलाई को सुबह तीन बजे दो थाने की पुलिस विधायक का घर सर्च करने पहुंची. पुलिस विधायक निर्मला देवी के पति योगेंद्र साव को खोजने पहुंची थी. योगेंद्र साव पर सीसीएल प्रबंधन ने केस दर्ज कराया था.
निर्मला देवी का कहना था कि पुलिस ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, वहीं घर के सामान को तितर-बितर कर दिया. विधायक ने कहा कि उस समय घर पर केवल महिलाएं थीं. पुलिस को महिला कांस्टेबल लाकर सर्च कराने के लिए कहा गया, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. जब मीडिया को बुलाने की बात कही गयी, तब पुलिस वहां से हटी.
विधायक ने कहा कि पिछले दिनों वह आम्रपाली के विस्थापितों की सभा में शामिल होने के लिए बचरा गयी थीं. पिछले महीने 19 तारीख को दुबारा जब वे विस्थापितों के पास जा रही थीं, तो रास्ते पर कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी रोकी. विधायक ने कहा कि कुछ लोगों ने गाड़ी रोक कर कहा कि दुबारा इस रास्ते पर आयी, तो बम से गाड़ी उड़ा देंगे. भयभीत हो कर वे दुबारा विस्थापितों के पास नहीं गयीं.
एसपी घर पर थे मौजूद लेकिन नहीं मिले
विधायक ने कहा कि पिछले दिनों वह चतरा के एसपी से मिलने उनके आवास पहुंची. बताया गया कि एसपी नहीं हैं. एसपी को फोन किया, तो उन्होंने कहा कि बाहर हैं. विधायक ने कहा कि हमने एसपी से कहा कि वह दूर से आयी हैं, मिल कर बात करना चाहती हैं. आवास में तैनात गार्ड से जानकारी ली, तो मालूम चला कि एसपी घर पर थे, लेकिन नहीं मिले.
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