ओके… विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंदों के बच्चों के
आयुष चिकित्सक सरकारी अस्पताल में कर रहे हैं एलोपेथिक इलाज. उनकी दलील है कि उन्हें ऐसा ही कहा गया है.हेडलाइन…इलाज की कारगर व्यवस्था नहीं हैदरनगर (पलामू). हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित रूप से बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए सरकार ने एक आयुष चिकित्सक की पदस्थापना की है. उक्त […]
आयुष चिकित्सक सरकारी अस्पताल में कर रहे हैं एलोपेथिक इलाज. उनकी दलील है कि उन्हें ऐसा ही कहा गया है.हेडलाइन…इलाज की कारगर व्यवस्था नहीं हैदरनगर (पलामू). हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित रूप से बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए सरकार ने एक आयुष चिकित्सक की पदस्थापना की है. उक्त चिकित्सक ने दिसंबर 2014 से फरवरी 2015 तक विद्यालयों का भ्रमण कर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की. उनके साथ एक एएनएम व आपथेलमिक असिस्टेंट भी प्रतिनियुक्त किये गये हैं. भ्रमण के लिए सरकार ने वाहन भी उपलब्ध कराया है. मगर चिकित्सक विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की स्वास्थ्य जांच के बदले फरवरी 2015 से हुसैनाबाद के अनुमंडलीय अस्पताल में ओपीडी कर रहे हैं. आयुष चिकित्सक से एलोपैथिक इलाज कराया जा रहा है. विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच का काम पूरी तरह बंद है. इस संबंध में आयुष चिकित्सक डॉ नजीर आलम ने कहा कि उन्हें प्रभारी द्वारा जो कार्य दिया जा रहा है, वही वह कर रहे हैं. विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच का काम वह कैसे करें. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कई बार बात की है. वह कहते हैं कि चिकित्सक का अभाव है, अभी अनुमंडलीय अस्पताल में ही ड्यूटी करें. एक ओर सरकार अवैध नर्सिंग होम पर छापामारी कर उन्हें बंद कर रही है. उन अयोग्य चिकित्सकों पर एफआइआर हो रही है. दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में आयुष चिकित्सक से एलोपैथिक इलाज कराया जा रहा है. बगैर सर्जन ऑपरेशन किया जा रहा है.