उपेक्षा का शिकार है कुदागढ़ा…ओके

फोटो है-सांसद-विधायक भी आने से कतराते हैं यहांनामकुम. प्रखंड के लाली पंचायत स्थित कुदागढ़ा मौजा प्रशासनिक उपेक्षा के कारण विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है़ नामकुम प्रखंड का यह क्षेत्र बुंडू, अनगड़ा, राहे व सोनाहातू से सटे पहाड़ों व जंगलों से घिरा है. खेती-बारी व वनोत्पाद ही यहां के लोग की आजीविका का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2015 11:04 PM

फोटो है-सांसद-विधायक भी आने से कतराते हैं यहांनामकुम. प्रखंड के लाली पंचायत स्थित कुदागढ़ा मौजा प्रशासनिक उपेक्षा के कारण विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है़ नामकुम प्रखंड का यह क्षेत्र बुंडू, अनगड़ा, राहे व सोनाहातू से सटे पहाड़ों व जंगलों से घिरा है. खेती-बारी व वनोत्पाद ही यहां के लोग की आजीविका का सहारा है. विकास की किरण इस क्षेत्र में पहुंचे इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार प्रयास किया. यहां तक की विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करके भी सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उक्त मौजा के आठ टोलों में नेता सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं. चुनाव जीतने के बाद यहां कोई नहीं आता. वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पुलिस भी ग्रामीणों को परेशान करती है. कुदागढ़ा से फतेहपुर तक पक्की सड़क, विद्युतीकरण, स्वास्थ्य, सिंचाई, शिक्षा, गबड़ेया नदी पर पुल निर्माण व राशन कार्ड की मांग ग्रामीण वर्षों से करते आ रहे हैं. अब ग्रामीणों ने पंचायती राज व्यवस्था को अपना कर स्वयं ही अपने अधिकार को हासिल करने का बीड़ा उठाया है.

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