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अजी-नो-मोटो जांच में ओपिनियन नहीं

मैगी की जांच रिपोर्टवरीय संवाददाता रांचीकोलकाता स्थित मित्रा एसएम लैब ने मैगी की मोनो सोडियम ग्लुटामेट (एमएसजी) जांच रिपोर्ट भेज दी है. लैब ने एमएसजी की मात्रा का जिक्र किया है, पर रिपोर्ट के संबंध में अपना कोई ओपिनियन नहीं दिया है. खाद्य निदेशालय सूत्रों के अनुसार एमएसजी की मात्रा अधिक लग रही है, पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2015 8:04 PM

मैगी की जांच रिपोर्टवरीय संवाददाता रांचीकोलकाता स्थित मित्रा एसएम लैब ने मैगी की मोनो सोडियम ग्लुटामेट (एमएसजी) जांच रिपोर्ट भेज दी है. लैब ने एमएसजी की मात्रा का जिक्र किया है, पर रिपोर्ट के संबंध में अपना कोई ओपिनियन नहीं दिया है. खाद्य निदेशालय सूत्रों के अनुसार एमएसजी की मात्रा अधिक लग रही है, पर ओपिनियन के अभाव में स्पष्ट रूप से कुछ कहना मुश्किल है. गौरतलब है कि मित्रा लैब में मैगी के 18 सैंपल की जांच की गयी है. एमएसजी टेस्ट दरअसल अजी-नो-मोटो की माप के लिए की गयी है. माना जाता है कि किसी खाद्य में अजी-नो-मोटो की एक तय मानक से अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इससे सिर दर्द, छाती दर्द व पसीना आने जैसी शिकायत होती है. पर इसका कोई शोध आधारित प्रमाण नहीं है. गौरतलब है कि इससे पहले कोलकाता के एक्सपर्ट लेबोरेटरी भेजी गयी मैगी के कुल 18 सैंपल जांच में ओके (ठीक) पाये गये थे. प्रयोगशाला ने उत्पाद में लेड व अन्य मानकों की जांच की तथा इसे तय मानक के तहत (विदिन परमिसिबल लिमिट) बताया था.

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