नयी दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को दी गयी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के लिए मद्रास हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है, क्योंकि बीएसएनएल लाइनों के मामले में उसकी पूछताछ के दौरान उन्होंने कथित रूप से टालमटोल वाला रवैया अपनाये रखा. सीबीआइ के सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एजेंसी मारन के जवाबों की जांच कर रही है और उन्हें मामले की जांच के दौरान बरामद दस्तावेजों से मिला रही है. एजेंसी मारन के कार्यालय द्वारा उनके निवास पर बीएसएनएल की हाइस्पीड बीएसएनएल लाइनें लगाने के मामले में अधिकारों के दुरुपयोग मामले की जांच के दौरान उक्त दस्तावेज जब्त किये थे. कहा कि पूछताछ के दौरान मारन के ब्यौरे स्पष्ट नहीं थे. उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने पिछले सप्ताह तीन दिन तक मारन से पूछताछ की थी.
मारन की अग्रिम जमानत खारिज करने की मांग कर सकती है सीबीआइ
नयी दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को दी गयी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के लिए मद्रास हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है, क्योंकि बीएसएनएल लाइनों के मामले में उसकी पूछताछ के दौरान उन्होंने कथित रूप से टालमटोल वाला रवैया अपनाये रखा. सीबीआइ के सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने […]
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