दो अस्पतालों का इलाज से इनकार, नवजात की मौत

नयी दिल्ली. संवदेनहीनता के एक चौंकानेवाले मामले में सांस की बीमारी के साथ समय से पहले ही पैदा हुए एक नवजात शिशु का दो प्रमुख सरकारी अस्पतालों ने इलाज करने से इनकार कर दिया, वहीं तीसरे अस्पताल ने इलाज के लिए प्रतीक्षा करायी और अंतत: शिशु ने अपने अभिभावक की गोद में ही दम तोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2015 10:03 PM

नयी दिल्ली. संवदेनहीनता के एक चौंकानेवाले मामले में सांस की बीमारी के साथ समय से पहले ही पैदा हुए एक नवजात शिशु का दो प्रमुख सरकारी अस्पतालों ने इलाज करने से इनकार कर दिया, वहीं तीसरे अस्पताल ने इलाज के लिए प्रतीक्षा करायी और अंतत: शिशु ने अपने अभिभावक की गोद में ही दम तोड़ दिया. शिशु का जन्म रविवार की दोपहर उत्तरी दिल्ली के बुद्ध विहार के एक निजी अस्पताल में हुआ था, लेकिन चिकित्सकों ने उसके अभिभावकों को बताया कि बच्चे को सांस की तकलीफ है और उसे दो दिनांे तक वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत है, जिस पर करीब 20 हजार रुपये का खर्च आयेगा. बच्चे का पिता धीरज कुमार श्रमिक है और उसने खर्च वहन करने में असमर्थता जतायी. इस पर उसे बच्चे को किसी सरकारी अस्पताल में भर्ती करने को कहा गया. सोमवार को बच्चे को पहले कलावती सरन बाल अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने कहा कि उनके पास बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है, इसलिए बच्चे को भर्ती नहीं किया जा सकता. बच्चे के रिश्तेदारों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पताल के आकस्मिक विभाग के डाक्टरों ने उसे देखने तक से इनकार कर दिया. उसके बाद बच्चे को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया. यह अस्पताल भी केंद्र सरकार द्वारा संंचालित है. हालांकि, डाक्टरों ने बच्चे की जांच की, लेकिन बेड नहीं होने की बात करते हुए उसे कहीं और ले जाने को कहा. उन्होंने कहा कि बच्चे को अंतत: लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें करीब एक घंटे तक प्रतीक्षा करायी गयी और बाद में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. यह दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल है.

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