ऐसे काम करती है पुलिस
रांचीः पुलिस थानों के पदाधिकारी किस तरह काम करते हैं, यह गिरिडीह की घटना से पता चलता है. सरिया थाना क्षेत्र के रमेश कुमार साव पर हत्या का आरोप है. कानून की नजर में वह फरार था, लेकिन उसने पुलिस (होमगार्ड) में कंपनी कमांडर की नौकरी हासिल कर ली. मामला तब पकड़ में आया, जब […]
रांचीः पुलिस थानों के पदाधिकारी किस तरह काम करते हैं, यह गिरिडीह की घटना से पता चलता है. सरिया थाना क्षेत्र के रमेश कुमार साव पर हत्या का आरोप है. कानून की नजर में वह फरार था, लेकिन उसने पुलिस (होमगार्ड) में कंपनी कमांडर की नौकरी हासिल कर ली.
मामला तब पकड़ में आया, जब रमेश कुमार साव का चरित्र सत्यापन के लिए होमगार्ड मुख्यालय का पत्र सरिया थाना पहुंचा. तब पुलिस ने रिपोर्ट दी रमेश कुमार साव हत्या का आरोपी है. इस दौरान रमेश पीटीसी हजारीबाग में प्रशिक्षण लेता रहा. मामला पकड़े जाने की जानकारी मिलने के बाद रमेश कुमार साव ने पीटीसी से छुट्टी ली और गिरिडीह जाकर अदालत में सरेंडर कर दिया. उस पर वर्ष 2007 में सरिया थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की. गिरफ्तारी वारंट के बाद कुर्की जब्ती का वारंट हासिल किया. रमेश कुमार साव की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस ने उसके घर की कुर्की भी की, लेकिन फिर सो गयी.
इसी बीच रमेश ने पारा टीचर की नौकरी ज्वाइन की. वर्ष 2009 में दारोगा, कंपनी कमांडर और सार्जेट की नियुक्ति का विज्ञापन निकला. रमेश कुमार साव ने भी गिरिडीह पुलिस लाइन में जाकर आवेदन दिया. शारीरिक जांच, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद रमेश साव का चयन कंपनी कमांडर के पद पर हुआ, जिसके बाद उसे ट्रेनिंग के लिए हजारीबाग स्थित पीटीसी भेज दिया गया.