ओके…हाल बांकी नदी पुनरुद्धार योजना का(फोटो)
फोटो- बांकी नदी में बन रहा पइन नालाहेडलाइन…खर्च 21 लाख, उपयोगिता कुछ नहीं नगरऊंटारी. बांकी नदी के पुनरुद्धार की जरूरत महसूस करते हुए चित्रविश्राम पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत लगभग 21 लाख का प्राक्कलन बनवाया गया. इस प्राक्कलन के अनुसार बंबा डैम के नीचे छह किलोमीटर तक 10 फीट चौड़ी पइन की खुदाई की जानी […]
फोटो- बांकी नदी में बन रहा पइन नालाहेडलाइन…खर्च 21 लाख, उपयोगिता कुछ नहीं नगरऊंटारी. बांकी नदी के पुनरुद्धार की जरूरत महसूस करते हुए चित्रविश्राम पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत लगभग 21 लाख का प्राक्कलन बनवाया गया. इस प्राक्कलन के अनुसार बंबा डैम के नीचे छह किलोमीटर तक 10 फीट चौड़ी पइन की खुदाई की जानी थी, लेकिन सही मॉनिटरिंग व प्राक्कलन के अभाव में कार्य इतना घटिया किया गया कि बांकी नदी को पुनर्जीवित करने की बात कागज तक ही सिमट गयी. पर्यावरण प्रेमियों के साथ मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने भी आश्चर्य के साथ बनाये गये पइन नाला को देखा तथा एक-दूसरे के साथ पूछने लगे कि यह क्या बना है? जबकि पंचायत द्वारा स्वीकृत योजनाओं में ग्रामीणों की भागीदारी ही मुख्य है. मनरेगा के तहत पइन खोदे जाने का कोरम पूरा किये जाने के बाद बची नदी की जमीन पर कब्जा जमाने की होड़ लग गयी है. आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी नक्शे में नदी की चौड़ाई एक जरीब (100 कड़ी) से डेढ़ जरीब तक है. मंगरदह, बारोडीह व बंबा के ग्रामीणों ने जानना चाहा कि जब नदी एक से डेढ़ जरीब तक चौड़ी है, तो दस फीट ही खुदाई कर क्यों छोड़ दिया गया है? ग्रामीण यह जानने को भी बेचैन दिखे की बची हुई नदी की भूमि का उपयोग वे लोग कर सकते हैं? इस संबंध मंे पूछने पर पंचायत के मुखिया यमुना सेठ ने बताया कि प्राक्कलन कनीय अभियंता बनाते हैं तथा भुगतान प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा किया जाता है, इसमें वे क्या कर सकते हैं.