‘आकाश’ परियोजना बंद
आइआइटी बंबई का लक्ष्य हासिल करने का दावाएजेंसियां, नयी दिल्लीसूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के सुदूर इलाकों तक शिक्षा सुलभ कराने के मकसद से पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा छात्रों को ‘आकाश’ टैबलेट उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना आइआइटी बंबई में बंद हो गयी है. उसे इस बारे में भविष्य की योजना […]
आइआइटी बंबई का लक्ष्य हासिल करने का दावाएजेंसियां, नयी दिल्लीसूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के सुदूर इलाकों तक शिक्षा सुलभ कराने के मकसद से पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा छात्रों को ‘आकाश’ टैबलेट उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना आइआइटी बंबई में बंद हो गयी है. उसे इस बारे में भविष्य की योजना की कोई जानकारी नहीं है.सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत आइआइटी बंबई ने बताया कि आकाश परियोजना 31 मार्च, 2015 को बंद हो गयी. इस बारे में सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. इसके (आकाश टैबलेट) उन्नत प्रारूप की विशिष्टताओं का ब्योरा सरकार को पेश कर दिया गया है. इस परियोजना पर सरकार ने 47.72 करोड़ रुपये मंजूर किये गये थे. इसे लक्ष्यों को हासिल करने में खर्च किया गया.आकाश परियोजना के बारे में विभिन्न वर्गों से शिकायत आती रही है कि देश में छात्रों को सस्ते टैबलेट की योजना सार्थक रूप नहीं ले सकी है. इसके साथ ही आकाश टैबलेट में कई खामियां भी बतायी गयी थीं. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस टैबलेट का मुद्दा उठा था.आइआइटी बंबई ने बताया-01 लाख टैबलेट डाटाविंड से खरीद कर शिक्षकों और छात्रों में बांटे गये-300 आकाश केंद्र स्थापित किये गये देश भर मेंकोट”यदि हम विशेषताओं पर निर्णय करने के बाद विनिर्माताओं को उत्पाद की आपूर्ति करने को कहते, तब यह बेहतर व्यवस्था हो सकती थी.आकाश की आलोचना पर आइटी विभाग के सचिव ने सूचना प्रौद्योगिकी से संबद्ध स्थायी समिति को बताया