किसानों की खुदकुशी के कारणों का पता लगाने के लिए माकपा करा रही सर्वेक्षण
नयी दिल्ली. देश भर में किसानों की खुदकुशी के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में माकपा का किसान प्रकोष्ठ ऐसे मामलों के कारणों का पता लगाने तथा इस गंभीर मुद्दे से निबटने के रास्ते खोजने के लिए सर्वेक्षण कर रहा है. ऑल इंडिया किसान सभा (एआइकेएस) के अनुसार, पिछले दो दशक में तीन लाख किसान आत्महत्या […]
नयी दिल्ली. देश भर में किसानों की खुदकुशी के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में माकपा का किसान प्रकोष्ठ ऐसे मामलों के कारणों का पता लगाने तथा इस गंभीर मुद्दे से निबटने के रास्ते खोजने के लिए सर्वेक्षण कर रहा है. ऑल इंडिया किसान सभा (एआइकेएस) के अनुसार, पिछले दो दशक में तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं. एआइकेएस महासचिव हन्नान मुल्ला ने कहा, ‘एआइकेएस इस विषय पर चिंतित हैं. पिछले दो दशकों में करीब तीन लाख किसान खुदकुशी कर चुके हैं. हमने हालात समझने के लिए, यह पता लगाने के लिए कि यह क्यों हो रहा है, इसके पीछे क्या कारण हैं, क्या उपाय होना चाहिए, सर्वेक्षण किया है.’ एआइकेएस ने अपने सर्वेक्षण के तहत उन 11 राज्यों में खुदकुशी कर चुके किसानों के घरों पर जाने का फैसला किया है, जहां किसानों की खुदकुशी के सर्वाधिक मामले आये. मुल्ला ने कहा कि खुदकुशी करनेवाले 200 किसानों के परिवार 10 और 11 अगस्त को संसद सत्र के दौरान सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली में धरना देंगे. उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल मंे जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान कथित तौर पर खुदकुशी करनेवाले राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह के परिवार के सदस्य भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.