सुधीर कक्कड़ ने फिर जगाया कवि भर्तृहरि का प्रेम

नयी दिल्ली. प्रसिद्ध मनोविश्लेषक और उपन्यासकार सुधीर कक्कड़ ने संस्कृत के महान कवि भर्र्तृहरि की जीवन गाथा को एक नयी किताब के पन्नों पर उकेरते हुए उनके मन में नैतिकता और इच्छाओं के बीच के द्वंद्व को दर्शाया है. सातवीं सदी के शहर उज्जैनी की पृष्ठभूमि पर आधारित किताब ‘द डेविल टेक लव’ दरअसल संस्कृत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2015 5:05 PM

नयी दिल्ली. प्रसिद्ध मनोविश्लेषक और उपन्यासकार सुधीर कक्कड़ ने संस्कृत के महान कवि भर्र्तृहरि की जीवन गाथा को एक नयी किताब के पन्नों पर उकेरते हुए उनके मन में नैतिकता और इच्छाओं के बीच के द्वंद्व को दर्शाया है. सातवीं सदी के शहर उज्जैनी की पृष्ठभूमि पर आधारित किताब ‘द डेविल टेक लव’ दरअसल संस्कृत के सर्वश्रेष्ठ प्रेम कवि कहलाने वाले भर्तृहरि के बारे में एक विस्तृत शोध कार्य है. इसे उनकी ‘नीतिशतकम’, ‘श्रृंगारशतकम’ और ‘वैराग्यशतकम’ के साथ पेश किया गया है. कल्पना से परिपूर्ण कार्य से इतर कक्कड़ ने उपनगरीय भारत के उज्जैनी शहर के प्राचीन जीवन को पेश करने का प्रयास किया है. ऐसा माना जाता है कि अवंती राज्य के दरबारी कवि भर्तृहरि यहां रहा करते थे. पिछले 12 साल में आलोचकों की सराहना बटोरने वाले पांच उपन्यास लिख चुके कक्कड़ ने कहा, ‘यह शोध बहुत विस्तृत रहा है. यह सिर्फ व्यक्ति विशेष के बारे में नहीं रहा बल्कि इसमें उस पूरे दौर, समय, उनकी मान्यताओं, उनके भोजन और जीवनशैली का वर्णन है.’ उन्होंने कहा, ‘शुरुआत से लेकर किताब के प्रकाशन तक लगभग ढाई साल का समय लग गया.’ उनकी इस किताब में भर्तृहरि की कविताओं, संस्कृत साहित्य एवं मूल ग्रंथों और उस दौर के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शहरी जीवन का चित्रण है.

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