संपूर्ण सृष्टि ओम में समायी हुई है

मारवाड़ी भवन हरमू रोड में शिव महापुराण यज्ञ में स्वामी दीनदयालु जी ने कहा तसवीर सुनील गुप्ता की लाइफ रिपोर्टर @ रांचीसंपूर्ण सृष्टि ओम में समायी हुई है. जब इस संसार में कुछ नहीं रहेगा तब भी इस संसार में ओम विराजमान रहेगा. ओम के नाम से ही सृष्टि प्रारंभ होती है. ओम के जाप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2015 8:05 PM

मारवाड़ी भवन हरमू रोड में शिव महापुराण यज्ञ में स्वामी दीनदयालु जी ने कहा तसवीर सुनील गुप्ता की लाइफ रिपोर्टर @ रांचीसंपूर्ण सृष्टि ओम में समायी हुई है. जब इस संसार में कुछ नहीं रहेगा तब भी इस संसार में ओम विराजमान रहेगा. ओम के नाम से ही सृष्टि प्रारंभ होती है. ओम के जाप से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं. ये बातें भागवत भूषण स्वामी दीनदयालु जी पांडेय ने रविवार को मारवाड़ी भवन हरमू रोड में आयोजित शिव महापुराणयज्ञ में कहीं. स्वामी जी ने कहा कि जगत में शिव के सिवाय कुछ नहीं है. जैसे मिट्टी के बने बरतन, अलग-अलग रूप में होने के बाद भी मिट्टी के बरतन कहलाते हैं. ये बरतन यदि टूट जायें तो फिर ये वापस मिट्टी में ही मिल जाते हैं. उसी प्रकार संसार में जितने भी मानव, पशु, पक्षी, पर्वत, नदियां आदि जो भी बनी हुई हैं, ये सभी शिव का ही एक रूप है. ……………..फिर शिव दिखते क्यों नहीं?उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि जब शिव सब जगह हंै, तो फिर वह नजर क्यों नहीं आते. तो इसका एक ही जवाब है कि जैसे हमारे चारों और हवा है, लेकिन वह हमें नजर नहीं आती है. इसी प्रकार में तार में बिजली होती है, पुष्प में सुगंध होती है. पेट में दर्द होता है तो हम महसूस करते हैं, लेकिन हम उसे देख नहीं पाते हैं. उसी प्रकार भगवान सर्वत्र होने के बाद भी हम उन्हें देख नहीं सकते हैं. रविवार को स्वामी जी ने ज्योर्तिलिंग कथा सुनायी. स्वामी जी से आशीष लेने के लिए सूचना आयुक्त आदित्य स्वरूप, उपायुक्त मनोज कुमार, एसडीओ अमित कुमार आदि भी पहुंचे.

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