30 साल पुराने पुल पर नहीं है किसी का ध्यान

नोट : फोटो राज कौशिकवीआइपी रोड के बीचोंबीच पुल के नीचे का हिस्सा होता जा रहा है क्षतिग्रस्त रांची. राजधानी के वीआइपी रोड (हरमू रोड) के बीचोंबीच स्थित 30 साल पुराने पुल की स्थिति पर किसी की नजर नहीं पड़ रही है. यह पुल दिनानुदिन क्षतिग्रस्त होता जा रहा है. इसके नीचे के हिस्से से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2015 9:05 PM

नोट : फोटो राज कौशिकवीआइपी रोड के बीचोंबीच पुल के नीचे का हिस्सा होता जा रहा है क्षतिग्रस्त रांची. राजधानी के वीआइपी रोड (हरमू रोड) के बीचोंबीच स्थित 30 साल पुराने पुल की स्थिति पर किसी की नजर नहीं पड़ रही है. यह पुल दिनानुदिन क्षतिग्रस्त होता जा रहा है. इसके नीचे के हिस्से से मेटेरियल गिर रहे हैं. ऊपर से तो पुल ठीकठाक नजर आ रहा है, पर नीचे से कमजोर होता जा रहा है. पुल का निर्माण आवास बोर्ड की ओर से 30 साल पहले की ट्रैफिक व लोड को देख कर कराया गया था, लेकिन आज उस पर कई गुणा अधिक लोड पड़ रहा है. इस वजह से पुल के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है. बार-बार बन रही सड़क, पर पुल की मरम्मत नहींहरमू रोड को हर साल बनाया जाता है. कभी सामान्य रिपेयर, तो कभी विशेष रिपेयर के नाम पर काम होते हैं. अभी भी ड्रेनेज व फुटपाथ के साथ निर्माण कार्य हो रहे हैं, पर पुल की मरम्मत नहीं की जा रही है. ऊपर से पुल पर एक लेयर मेटेरियल डाल दिया जाता है, लेकिन अंदर से पुल को दुरुस्त करने पर काम नहीं किया जा रहा है. ….तो पूरा संपर्क टूट जायेगाचूंकि यह पुल लाइफ लाइन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में अगर यह पुल टूट गया, तो रातू रोड, कांके रोड सहित अन्य इलाकों का हरमू की ओर से संपर्क टूट जायेगा. मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री व आला अफसर इसी मार्ग से होकर सचिवालय आना-जाना करते हैं. वहीं, राज्यपाल भी इसी मार्ग का इस्तेमाल करती हैं. हरमू, डोरंडा, अरगोड़ा, धुर्वा, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, सचिवालय जाने का यही एकमात्र रास्ता है. इसके समानांतर एक सड़क है, पर वह मुक्तिधाम होकर जाती है. यह संकीर्ण है और बाजार से होकर गुजरती है.

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