आकाशगंगाओं की टक्कर में क्या होता है, पता चला
मेलबर्न. जब दो अलग आकार की आकाशगंगाएं टकराती हैं तो बड़ी आकाशगंगा छोटी आकाशगंगा को नये तारे बनाने से रोक देती है. 20,000 से अधिक आकाशगंगाओं के अध्ययन में यह पता लगाया गया है. अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया है कि जब समान आकार की दो आकाशगंगाएं टकराती हैं तो दोनों ज्यादा तेज गति से तारे […]
मेलबर्न. जब दो अलग आकार की आकाशगंगाएं टकराती हैं तो बड़ी आकाशगंगा छोटी आकाशगंगा को नये तारे बनाने से रोक देती है. 20,000 से अधिक आकाशगंगाओं के अध्ययन में यह पता लगाया गया है. अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया है कि जब समान आकार की दो आकाशगंगाएं टकराती हैं तो दोनों ज्यादा तेज गति से तारे उत्पन्न करती हैं. यूनिवर्सिटी आफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के रेडियो खगोल विज्ञान अनुसंधान के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के खगोलविद् ल्यूक डेविस ने कहा कि प्रमुख पड़ोसी ऐंड्रोमेडा 400,000 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से मिल्की वे की तरफ बढ़ रहा है जो इससे टकरा सकता है. उन्होंने कहा ‘अभी तक कोई घबराने वाली बात नहीं है, दोनों अगले चार अरब वर्ष तक आपस में नहीं टकराने वाले हैं. इस तरह की ब्रह्मांडीय टक्करों की जांच करने से आकाशगंगाओं के विकास को समझने में मदद मिलेगी.’ डेविस ने बताया कि टक्कर से तारे तेजी से उत्पन्न होते हैं या कोई नया तारा उत्पन्न होता है यह इस पर निर्भर करता है कि टक्कर में बड़ी आकाशगंगा कौन थी और कौन छोटी. रॉयल एस्ट्रोनामिकल सोसाइटी की पत्रिका मंथली नोटिस में इस शोध को प्रकाशित किया गया है.