दवा के अभाव में बिरहोर के इलाज पर असर

रांची : गुमला, जमगई निवासी सोहन बिरहोर रिम्स के हड्डी विभाग में भरती है, लेकिन उसे रिम्स में पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है. परिजनों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है. अब परिजनों के पास दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं बचे हैं. सोहन ने बताया कि वह ओखल बना कर बाजार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2013 3:23 AM

रांची : गुमला, जमगई निवासी सोहन बिरहोर रिम्स के हड्डी विभाग में भरती है, लेकिन उसे रिम्स में पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है. परिजनों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है. अब परिजनों के पास दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं बचे हैं.

सोहन ने बताया कि वह ओखल बना कर बाजार में बेचता है, उससे जो पैसा मिलता है, उससे परिवार चलता था. प्रतिदिन ओखल बेच कर वह 100 रुपये कमाता है, लेकिन एक माह से काम प्रभावित है.

जंगल से पेड़ की टहनी काटने के दौरान वह 15 सितंबर को गिर गया. उसका दायां पैर टूट गया है. पहले उसे सिमडेगा अस्पताल में भरती किया गया. वहां से रिम्स रेफर कर दिया गया. वह रिम्स में 27 सितंबर से भरती है.

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