उपायुक्त कर सकेंगे 2.50 एकड़ तक जमीन हस्तांतरित
जलापूर्ति व सिवरेज के लिए जमीन मिलने में नहीं होगी परेशानी रांची : राज्य में अब जलापूर्ति योजना और सिवरेज प्रोजेक्ट के लिए 2.5 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने में दिक्कत नहीं होगी. सरकार ने सिवरेज और जलापूर्ति योजनाओं में 2.50 एकड़ (एक हेक्टेयर) तक सरकारी जमीन हस्तांतरित करने का अधिकार संबंधित जिलों के उपायुक्तों को […]
जलापूर्ति व सिवरेज के लिए जमीन मिलने में नहीं होगी परेशानी
रांची : राज्य में अब जलापूर्ति योजना और सिवरेज प्रोजेक्ट के लिए 2.5 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने में दिक्कत नहीं होगी. सरकार ने सिवरेज और जलापूर्ति योजनाओं में 2.50 एकड़ (एक हेक्टेयर) तक सरकारी जमीन हस्तांतरित करने का अधिकार संबंधित जिलों के उपायुक्तों को देने का निर्णय लिया है. सरकार का मानना है कि समय पर जमीन नहीं मिलने से अधिकतर योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती हैं. योजनाओं की लागत भी दो गुना से तीन गुना बढ़ जाती है, जिससे सरकारी कोष पर अनावश्यक बोझ पड़ता है.
योजनाओं के पूरा नहीं होने से आम लोगों को लाभ भी नहीं मिलता है. सरकार ने इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर उपायुक्तों की अध्यक्षता में हर जिले में एक कमेटी बना दी है. कमेटी गैर मजरूआ खास, जंगल-झाड़ी भूमि को हस्तांतरित करने का निर्णय लेते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी करेगी. इसमें अपर समाहर्ता, संबंधित विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता सदस्य हैं. इसके अलावा अंचल अधिकारियों को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है.
यह उच्च स्तरीय समिति होगी, जो जलापूर्ति योजनाओं के लिए पाइप बिछाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी करेगी. समिति को आवश्यकता पड़ने पर रैयती भूमि के अधिग्रहण का अधिकार भी दिया गया है.