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होमगार्ड के तत्कालीन कमांडेंट डिमोट होंगे

रांची : सरकार ने गिरिडीह हथियार लूटकांड में होमगार्ड के तत्कालीन कमांडेंट अशोक कुमार को डिमोट करने का फैसला किया है. इस बात के मद्देनजर उन्हें दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसमें उन्हें 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया है. उन पर होमगार्ड के डीजी […]

रांची : सरकार ने गिरिडीह हथियार लूटकांड में होमगार्ड के तत्कालीन कमांडेंट अशोक कुमार को डिमोट करने का फैसला किया है. इस बात के मद्देनजर उन्हें दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसमें उन्हें 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया है.
उन पर होमगार्ड के डीजी को लूटकांड की सूचना नहीं देने का आरोप था. विभागीय कार्यवाही के दौरान उन पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई थी. विभागीय कार्यवाही पूरी होने के बाद इससे जुड़ी फाइल नौ साल तक दबी रही. नवंबर 2005 में नक्सलियों द्वारा गिरिडीह होमगार्ड पर हमला कर चार जवानों को मारने और हथियार लूटने की घटना के सिलसिले में अशोक कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू की गयी थी. इसमें उन्हें दोषी करार दिया गया था. साथ ही उन्हें डिमोट करने का दंड देने का फैसला किया गया था.
वर्ष 2006 में हुए इस फैसले के बाद मामले से जुड़ी फाइल दबा दी गयी थी. नौ साल बाद इस मामले में फिर से कार्रवाई शुरू हुई है. गृह सचिव एनएन मांडेय ने संचालन पदाधिकारी द्वारा विभागीय कार्यवाही में प्रमाणित किये गये आरोपों के आधार पर अशोक कुमार को डिमोट करने का दंड देने का फैसला किया है. इस फैसले के आलोक में अशोक कुमार को दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसमें उन्हें अपने बचाव में नये तथ्य पेश करने का निर्देश दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि गिरिडीह में नक्सलियों ने 10 नवंबर 2005 को गोली बारी की थी. इस गोलीबारी में होम गार्ड के कई जवान घायल हुए थे. नक्सलियों ने इस घटना के दूसरे ही दिन अर्थात 11 नवंबर 2005 की शम करीब पांच बजे गिरिडीह होम गार्ड कार्यालय पर हमला कर दिया और शस्त्रगार से हथियार लूट लिये थे.
होमगार्ड कार्यालय पर हुए हमले में नक्सलियों की गोली से होमगार्ड के चार जवानों की मौत हो गयी थी. इस घटना में गिरिडीह के तत्कालीन कमांडेंट अशोक कुमार पर लापरवाही बरतने और मुख्यालय को घटना की सूचना नहीं देने का आरोप लगा था.
इन आरोपों के मद्देनजर तत्कालीन गृह सचिव जेबी तुबिद ने विभागीय कार्यवाही चलाने की अनुशंसा की थी. तत्कालीन गृह मंत्री की सहमति के बाद विभागीय कार्यवाही एक नवंबर 2006 को पूरी कर ली गयी. संचालन अधिकारी ने अशोक कुमार का पक्ष सुनने के बाद सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह कहा था कि अशोक कुमार गिरिडीह में कमांडेट के अतिरिक्त प्रभार में थे.
10 नवंबर को हुई गोलबारी की घटना में के बाद वह घायल जवानों को देखने गिरिडीह गये थे. हालांकि उन्होंने इस घटना की सूचना मुख्यालय को नहीं दी. साथ ही लापरवाही बरती. 11 नवंबर को हथियार लूट की घटना की जानकारी भी उन्होंने मुख्यालय को नहीं दी थी और अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया था.गोलीबारी में मारे गये जवान : कार्तिक पांडेय,-मूल चंद प्रसाद, मनधीरण तिवारी, सुबोध यादव.

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