कनहर की डीपीआर अब अगस्त में मिलेगी
वरीय संवाददाता, रांचीछत्तीसगढ़ से निकल कर झारखंड के गढ़वा और यूपी होकर सोन में मिलने वाली कनहर नदी पर बराज बनाया जाना है. इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) जून माह में तैयार होनी थी, पर जमीन संबंधी सभी कागजात नहीं मिलने से इसमें एक माह का विलंब हो गया है. कनहर मामले में रिटायर्ड जस्टिस […]
वरीय संवाददाता, रांचीछत्तीसगढ़ से निकल कर झारखंड के गढ़वा और यूपी होकर सोन में मिलने वाली कनहर नदी पर बराज बनाया जाना है. इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) जून माह में तैयार होनी थी, पर जमीन संबंधी सभी कागजात नहीं मिलने से इसमें एक माह का विलंब हो गया है. कनहर मामले में रिटायर्ड जस्टिस डीएन प्रसाद की अध्यक्षता में बनी समिति के एक सदस्य हेमेंद्र प्रताप देहाती ने बताया कि अब डीपीआर अगस्त माह में मिलेगी. गौरतलब है कि डीपीआर का काम परामर्शी लॉ मेयर को दिया गया है. इसके लिए 31 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं. समिति ने तय किया था कि डीपीआर करीब 60 हजार हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई क्षमता के आधार पर बनेगी. इसके तहत गढ़वा के भवनाथपुर में भी कनहर नदी से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं चिनिया प्रखंड के लावादौनी में नहर के पानी से 50 मेगावाट का पनबिजली प्रोजेक्ट भी बनेगा. इससे गढ़वा में बिजली संकट भी दूर होगा. गौरतलब है कि बराज निर्माण से झारखंड की सिर्फ 700 हेक्टेयर तथा छत्तीसगढ़ की 70 हेक्टेयर जमीन ही पानी में डूबेगी. इसमें वन भूमि, गैर मजरूआ तथा रैयतों की जमीन शामिल है. बराज की परामर्शी फर्म लॉ मेयर इसी आधार पर डीपीआर तैयार कर रही है.