भारत के प्राचीनतम बंदरगाहों में से एक के अवशेष मिले

पणजी. भारतीय वैज्ञानिकों ने गोवा की जुवारी नदी में ऐतिहासिक महत्व के एक बंदरगाह के अवशेष पाये हैं. उम्मीद की जा रही है कि यह मध्य पश्चिम तट पर व्यापार में इस्तेमाल प्राचीनतम बंदरगाहों में से एक हो तथा गुजरात के द्वारका के समकालीन हो सकता है. वैज्ञानिकों ने कहा कि वे संभवत: ढांचागत रूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 9:05 PM

पणजी. भारतीय वैज्ञानिकों ने गोवा की जुवारी नदी में ऐतिहासिक महत्व के एक बंदरगाह के अवशेष पाये हैं. उम्मीद की जा रही है कि यह मध्य पश्चिम तट पर व्यापार में इस्तेमाल प्राचीनतम बंदरगाहों में से एक हो तथा गुजरात के द्वारका के समकालीन हो सकता है. वैज्ञानिकों ने कहा कि वे संभवत: ढांचागत रूप से लोथल (4500 साल पुराना) जैसी एक गोदी खोज पायेंगे. लोथल गोदी की खोज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने 1954 में की थी. गोवा आधारित राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (एनआइओ) यहां से कुछ किलोमीटर दूर जुवारी नदी पर 1.2 किलोमीटर लंबी एक दीवार पर काम कर रहे हैं. उम्मीद है कि यह दीवार 1000 साल से ले कर 3500 साल पुरानी बंदरगाह का एक हिस्सा है, जो अभी जमीन में दबा है.’यह इलाका पहले गोपाकापत्तनम कहलाता था. स्थल पर खुदाई की गयी और वैज्ञानिकों ने पाया कि सीढि़यां पानी में जा रही हैं. अब जल्द ही यह साफ हो जायेगा कि नदी के समानांतर इतनी बड़ी दीवार इंगित करती है कि यह किसी बंदरगाह का अवशेष है. हम इस स्थल की और विस्तृत खुदाई के लिए अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ संभव हो तो गोवा सरकार के समक्ष प्रस्ताव पेश करेंगे. राजीव निगम, प्रमुख, सीएसआइआर-एनआइओ

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