हृदय में आत्मा रूप में वास करते है भगवान: माधवानंद

संवाददाता, रांचीभगवान हमेशा हमारे साथ रहते हैं. भगवान हृदय में आत्मा रूप में वास करते हैं, लेकिन मोह माया में फंसे होने के कारण हम उन्हें महसूस नहीं कर पाते. जीव को अपने अंदर के भगवान को पहचाने की जरूरत है. उक्त बातें बुधवार को चिन्मय मिशन आश्रम में प्रवचन करते हुए स्वामी माधवानंद ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 10:05 PM

संवाददाता, रांचीभगवान हमेशा हमारे साथ रहते हैं. भगवान हृदय में आत्मा रूप में वास करते हैं, लेकिन मोह माया में फंसे होने के कारण हम उन्हें महसूस नहीं कर पाते. जीव को अपने अंदर के भगवान को पहचाने की जरूरत है. उक्त बातें बुधवार को चिन्मय मिशन आश्रम में प्रवचन करते हुए स्वामी माधवानंद ने कहीं. उन्होंने कहा कि भगवान जीवात्मा के अंदर वैश्वनर के रूप में रहते हैं. वे चार प्रकार के भोजन को पचाने का प्रयास करते है. भगवान की विभूतियों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भगवान तेज स्वरूप में विद्यमान रहते है. भगवान चंद्रमा में रस रूप में विद्यमान रहते है.

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