तेली को बीसी वन में डालना गैर कानूनी
रांची : पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा है कि तेली, कुल्लू व गोराई को पिछड़ा वर्ग की अनुसूची दो से एक में करना गैर कानूनी है. सरकार ने इसमें सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है. सरकार में बैठे लोगों को तथ्यों की जानकारी नहीं है. रघुवर दास की सरकार ने राजनीति से प्रेरित होकर […]
रांची : पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा है कि तेली, कुल्लू व गोराई को पिछड़ा वर्ग की अनुसूची दो से एक में करना गैर कानूनी है. सरकार ने इसमें सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है. सरकार में बैठे लोगों को तथ्यों की जानकारी नहीं है. रघुवर दास की सरकार ने राजनीति से प्रेरित होकर यह काम किया है. बीसी वन की दूसरी जातियों का हक मारने का काम किया है. इस मामले को हम कोर्ट में ले जायेंगे.
श्री महतो ने कहा कि बिहार के समय इस बात का साफ उल्लेख था कि वैसे ही जातियों को बीसी वन में रखा जायेगा, जो पहले कभी ट्राइब रहे हों. बीसी वन के लिए ट्राइब शब्द का उपयोग किया गया है. तेली जाति कभी भी ट्राइब में नहीं रही. हम बिहार से अलग हुए हैं. वहां के नियम-परिनियम को मान रहे हैं. फिर सरकार ने उस कानून का उल्लंघन कैसे किया.
श्री महतो ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को तथ्यों की जानकारी रहनी चाहिए. बिहार के समय से बीसी वन में जो जातियां थीं, वे कुछ कारण विशेष से थीं. नियमों के तहत उनको बीसी वन में डाला गया था. अब अचानक सरकार ने अलग निर्णय ले लिया है. कानून का ख्याल नहीं किया गया है. इस मामले को कोर्ट में रखा जायेगा.