योजनाओं की अनुशंसा व मंजूरी खुद करेंगे बाजार समिति के उपाध्यक्ष

रांची : झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद में पांच सदस्य वैसे बनाये गये हैं जो अपने-अपने जिलों में बाजार समिति के उपाध्यक्ष भी हैं. यानी वे खुद ही योजनाओं की अनुशंसा करेंगे और पर्षद में मंजूरी भी खुद ही देंगे. इस पर एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास इसकी शिकायत की गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2015 3:04 AM
रांची : झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद में पांच सदस्य वैसे बनाये गये हैं जो अपने-अपने जिलों में बाजार समिति के उपाध्यक्ष भी हैं. यानी वे खुद ही योजनाओं की अनुशंसा करेंगे और पर्षद में मंजूरी भी खुद ही देंगे.
इस पर एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास इसकी शिकायत की गयी है. सीएम ने कृषि विभाग से पूरे मामले के बाबत जानकारी मांगी है. कृषि उत्पादन बाजार समिति पंडरा के सदस्य दुर्गा शंकर साहू ने सीएम को ज्ञापन सौंप कर शिकायत की है.
क्या है मामला
दुर्गा साहू का आरोप है कि पांच सदस्यों में महादेव सीट जमशेदपुर बाजार समिति के, राधाकांत तिवारी रांची बाजार समिति के, हृदय नारायण देव गिरिडीह बाजार समिति के, जितेंद्र महतो लोहरदगा बाजार समिति व प्रकाश चौधरी धनबाद बाजार समिति के उपाध्यक्ष हैं.
इसके बावजूद इन्हें पर्षद के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया है. इस तरह इन पांचो को दोहरे पद पर रखा गया है, जो नियम विरुद्ध है. श्री साहू ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि राज्य में 28 बाजार समितियां है, जिनमें 364 कृषक व व्यापारी सदस्य हैं. उनकी अनदेखी कर बोर्ड के एक अधिकारी के करीबियों को पर्षद में सदस्य बनाया गया है.
श्री साहू ने बताया कि राज्य सरकार ने बाजार समिति शुल्क समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया. जबकि इनमें तीन मनोनीत सदस्यों प्रकाश चौधरी (धनबाद), राधाकांत तिवारी (रांची) व जितेंद्र महतो(लोहरदगा) ने सरकार के आदेश को ही कोर्ट में चुनौती दी है. श्री साहू ने मुख्यमंत्री से अविलंब इन सदस्यों की नियुक्ति रद्द करने की मांग की है.

Next Article

Exit mobile version