डीजीपी ने पुलिस अफसरों के साथ की समीक्षा बैठक, कहा मेयर चुनाव मामले की पूरी हो जांच
रांची: डीजीपी डीके पांडेय ने शुक्रवार को मेयर चुनाव में नोट फॉर वोट के मामले में लालपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में एसएसपी प्रभात कुमार और मामले के अनुसंधान से जुड़े पदाधिकारी भी उपस्थित थे. डीजीपी ने बताया कि जिन 24 बिंदुओं पर जांच के आदेश दिये गये थे, उनमें […]
रांची: डीजीपी डीके पांडेय ने शुक्रवार को मेयर चुनाव में नोट फॉर वोट के मामले में लालपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में एसएसपी प्रभात कुमार और मामले के अनुसंधान से जुड़े पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
डीजीपी ने बताया कि जिन 24 बिंदुओं पर जांच के आदेश दिये गये थे, उनमें जांच कहां तक आगे बढ़ी है, इसकी समीक्षा की गयी है. रांची पुलिस से कहा गया है कि मामले में पुलिस विभाग ने हाइकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है. जिन बिंदुओं की जांच करने की बात शपथ पत्र में कही गयी है, उन बिंदुओं की जांच जल्द से जल्द पूरा करें. डीजीपी ने एसएसपी को निर्देश दिया है कि अनुसंधानक को सहयोग के लिए दूसरे अधिकारी उपलब्ध करायें.
उल्लेखनीय है कि इस मामले के जांच पहले तत्कालीन सिटी डीएसपी पीएन सिंह कर रहे थे. बाद में पूर्व सिटी डीएसपी सनत कुमार सोरेन जांच कर रहे थे. अब उनका भी तबादला कर दिया गया है. इस बीच रांची के पूर्व आइजी ने जांच में कोताही बरतने के आरोप में स्पष्टीकरण पूछा.
डीएसपी सनत कुमार सोरेन ने स्पष्टीकरण के जवाब में जो लिखा, उससे यह स्पष्ट हुआ है कि उन्हें सहयोग के लिए कोई अफसर नहीं दिया गया. सिटी डीएसपी ने एसएसपी को जो पत्र लिखा है, उससे कहा है कि मामले के अनुसंधान में सहयोग के लिए उन्हें कभी भी डीएसपी रैंक के दो पदाधिकारी नहीं उपलब्ध कराये गये. दारोगा रैंक के जो तीन पुलिस पदाधिकारी उपलब्ध कराये गये, उनमें दो थाना प्रभारी थे.
उन पर पहले से ही काम का बहुत ज्यादा दवाब था. इस कारण उनके (सिटी डीएसपी) द्वारा दिये निर्देशों का अनुपालन ही नहीं किया गया. बाद में इंस्पेक्टर रैंक के दो पदाधिकारी दिये गये, लेकिन कुछ दिन बाद ही उन्हें थाना में पदस्थापित कर दिया गया. इस कारण इन पदाधिकारियों से भी जांच में सहयोग नहीं मिला. फिर छह जून को उनका तबादला कर दिया गया.