12 वर्षो में सीआइडी ने कुछ नहीं किया
अनदेखी : सिर्फ निर्देश जारी होता रहा रांची : हजारीबाग के गिद्दी थाना क्षेत्र में हुई अजय राय की हत्या के मामले में सीआइडी ने 12-13 वर्षो में कुछ नहीं किया. अनुसंधान के नाम पर सिर्फ समीक्षा और निर्देश जारी होता रहा. इसी दौरान हत्याकांड के अभियुक्त कोयला कारोबारी प्रदीप बेलथरिया ने हाइकोर्ट से कार्रवाई […]
अनदेखी : सिर्फ निर्देश जारी होता रहा
रांची : हजारीबाग के गिद्दी थाना क्षेत्र में हुई अजय राय की हत्या के मामले में सीआइडी ने 12-13 वर्षो में कुछ नहीं किया. अनुसंधान के नाम पर सिर्फ समीक्षा और निर्देश जारी होता रहा.
इसी दौरान हत्याकांड के अभियुक्त कोयला कारोबारी प्रदीप बेलथरिया ने हाइकोर्ट से कार्रवाई पर रोक लगवाने में सफलता हासिल कर ली. इसके बाद सीआइडी पूरी तरह मामले को लेकर बैठ गयी. सीआइडी के किसी भी अधिकारी ने मामले को लेकर हाइकोर्ट में आवेदन नहीं दिया.
आइपीएस रेजी डुंगडुंग ने जब एडीजी सीआइडी का पद संभाला, तब उन्होंने पुराने मामले की समीक्षा के दौरान इस मामले को पकड़ा. इसके बाद उन्होंने आदेश दिया कि अदालत से लगी रोक को हटाने के लिए हाइकोर्ट में आवेदन दिया जाये. इसके बाद सीआइडी के अधिकारी सक्रिय हुए. कोर्ट में आवेदन दिया. सुनवाई के बाद 16 जुलाई को हाइकोर्ट ने मामले में लगाये गये रोक को वापस किया.
अजय राय उर्फ अजय सिंह की 25 जून 2001 को वैशाली सर्विस सेंटर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. उनके भाई के बयान पर गिद्दी थाने की पुलिस ने कोयला कारोबारी प्रदीप बेलथरिया, छपरा के बाहुबली नेता धूमल सिंह, कुख्यात अपराधकर्मी लक्खी शर्मा (अब मृत) समेत कई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
कुछ दिन तक गिद्दी पुलिस मामले की जांच करती रही. बाद में मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को दे दिया गया, लेकिन सीआइडी भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकी.