समय पर अपराध के आंकड़े नहीं भेजते जिलों के एसपी

– 25 को पुलिस अधीक्षकों के साथ डीजीपी की बैठक – 17 जुलाई तक कुछ जिलों के एसपी ने ही अपराध के आंकड़े भेजे रांची : जिलों के एसपी अपराध के आंकड़े समय पर सीआइडी और पुलिस मुख्यालय को नहीं भेज रहे हैं. 17 जुलाई तक कुछ जिलों के एसपी ने ही अपराध के आंकड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2015 12:49 AM
– 25 को पुलिस अधीक्षकों के साथ डीजीपी की बैठक
– 17 जुलाई तक कुछ जिलों के एसपी ने ही अपराध के आंकड़े भेजे
रांची : जिलों के एसपी अपराध के आंकड़े समय पर सीआइडी और पुलिस मुख्यालय को नहीं भेज रहे हैं. 17 जुलाई तक कुछ जिलों के एसपी ने ही अपराध के आंकड़े भेजे हैं. इसे लेकर सीआइडी ने सभी जिलों के एसपी को कड़ा पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि 30 जून तक के अपराध के आंकड़े जल्द से जल्द भेजे जायें.
उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई को डीजीपी डीके पांडेय ने राज्य की कानून-व्यवस्था और नक्सलवाद की स्थिति की समीक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षकों की बैठक बुलायी है. अपराध के ताजा आंकड़े उपलब्ध नहीं रहने के कारण अपराध की समीक्षा और रिपोर्ट तैयार करने में मुश्किल हो रही है.
डीसीबी सेक्शन भी नहीं कर रहा ठीक से काम : सीआइडी को जिलों के एसपी के अलावा हर जिले में कार्यरत डीसीबी सेक्शन की ओर से भी अपराध के आंकड़े उपलब्ध कराये जाते हैं.
हालांकि अंतिम रूप से एसपी की ओर से भेजे गये आंकड़े ही मान्य होते हैं. हाल के दिनों में जिलों में कार्यरत सीआइडी का डीसीबी सेक्शन भी ठीक से काम नहीं कर रहा है. इस कारण डीसीबी सेक्शन के द्वारा भी समय पर अनुमानित आंकड़ा नहीं भेजा जा रहा है.
वेबसाइट पर अप्रैल तक का ही आंकड़ा
राज्य पुलिस थानों में ऑनलाइन एफआइआर करने लगी है. सीआइडी ने अपनी-अलग वेबसाइट भी बना ली है. विभाग की वेबसाइट पर आंकड़े समय पर नहीं अपलोड किये जाते हैं. हालात यह है कि 17 जुलाई तक सीआइडी की वेबसाइट पर अप्रैल 2015 तक का ही आंकड़ा उपलब्ध है.
समय पर नहीं करते क्राइम मीटिंग
समय पर आंकड़ा नहीं भेजने की एक बड़ी वजह जिलों में समय पर क्राइम मीटिंग का नहीं होना है. परंपरा रही है कि हर माह की सात-आठ तारीख तक जिलों के एसपी क्राइम मीटिंग कर लेते हैं. मीटिंग के दिन ही अपराध का आंकड़ा तैयार हो जाता है. इससे पहले डीएसपी और इंस्पेक्टर अपने-अपने क्षेत्र की क्राइम मीटिंग कर लेते हैं. अब जिलों में यह काम महीने के 20 तारीख तक भी नहीं होता है.

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