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बगैर शिक्षकों के ही स्टूडेंट बन रहे इंजीनियर

पॉलिटेक्निक : 220 के बदले सिर्फ 77 व्याख्याता संजय रांची : विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग से संबद्ध राज्य के इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षकों का अभाव है. बगैर शिक्षकों के ही यहां के विद्यार्थी इंजीनियर बन रहे हैं. शिक्षकों की भारी कमी से राज्य के तकनीकी संस्थानों में पठन-पाठन की स्थिति ठीक नहीं है. […]

पॉलिटेक्निक : 220 के बदले सिर्फ 77 व्याख्याता
संजय
रांची : विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग से संबद्ध राज्य के इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षकों का अभाव है. बगैर शिक्षकों के ही यहां के विद्यार्थी इंजीनियर बन रहे हैं. शिक्षकों की भारी कमी से राज्य के तकनीकी संस्थानों में पठन-पाठन की स्थिति ठीक नहीं है. पार्ट टाइम शिक्षकों के सहारे किसी तरह पढ़ाई चल रही है.
राज्य के सबसे पुराने व प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज बीआइटी सिंदरी में शिक्षकों की कमी के कारण ही कंपनियां प्लेसमेंट के लिए नहीं जाती. बीआइटी सिंदरी में स्थायी शिक्षकों के कुल 256 स्वीकृत पदों में से 170 रिक्त हैं.
इनमें प्राध्यापक, सह प्राध्यापक तथा सहायक प्राध्यापक के पद शामिल हैं. यही तक कि यहां कोई स्थायी निदेशक भी नहीं है. वर्षो से प्रभारी निदेशक ही व्यवस्था संभाल रहे हैं. झारखंड गठन के बाद शिक्षकों का कोई नया पद यहां सृजित नहीं हुआ है. राज्य के इस प्रतिष्ठित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों के अलावा प्रयोगशाला सहायकों तक की नियुक्ति नहीं हो सकी है. कनीय अनुदेशक के 37 में से 33 तथा प्रयोगशाला सहायक के कुल 26 में से 15 पद खाली हैं.
इधर पॉलिटेक्निक संस्थानों का हाल भी इससे कम बुरा नहीं है. तीन महिला (रांची, जमशेदपुर व बोकारो) पॉलिटेक्निक सहित राज्य में कुल 13 राजकीय पॉलिटेक्निक हैं. यहां लेरर के कुल 220 स्थायी पदों में से 143 रिक्त हैं. विभागाध्यक्षों के भी कुल 19 पदों में से 18 खाली हैं. यहां तक कि किसी राजकीय पॉलिटेक्निक में स्थायी प्राचार्य भी नहीं हैं. अब विभाग ने कुल 13 प्राचार्यो सहित 88 लेरर की नियुक्ति की अधियाचना झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को भेजी है.
पॉलिटेक्निक संस्थानों में पठन-पाठन की हालत जानने के लिए राजधानी के ही राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान का जिक्र करना सामयिक होगा. यहां पांच ब्रांच (सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन) में कुल एक हजार विद्यार्थियों के लिए सिर्फ आठ क्लास रूम है. प्रैक्टिकल के लिए आधारभूत साधन नहीं हैं.
पुस्तकालय में स्तरीय व अद्यतन किताबों का अभाव है. यहां की हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रति सेमेस्टर एक बार भी प्रैक्टिकल हो जाये, तो विद्यार्थी इसे उपलब्धि मानते हैं.
राजकीय पॉलिटेक्निक कहां-कहां
चर्च रोड रांची, थड़पखना रांची (महिला), धनबाद, निरसा धनबाद, भागा धनबाद (माइनिंग), दुमका, आदित्यपुर जमशेदपुर, गम्हरिया जमशेदपुर (महिला), जैनामोड़ खुटरी बोकारो, बालिडीह बोकारो (महिला), कोडरमा, लातेहार व खरसांवा.

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