बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन

बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग रांची : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन के बैनर तले बैंककर्मियों ने सोमवार को मार्च निकाला. बैंक राष्ट्रीयकरण की 46 वीं वर्षगांठ पर रांची विश्वविद्यालय के समक्ष केंद्रीयकृत रैली का आयोजन किया गया. संगठन की प्रमुख मांग में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2015 1:43 AM
बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग
रांची : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन के बैनर तले बैंककर्मियों ने सोमवार को मार्च निकाला. बैंक राष्ट्रीयकरण की 46 वीं वर्षगांठ पर रांची विश्वविद्यालय के समक्ष केंद्रीयकृत रैली का आयोजन किया गया.
संगठन की प्रमुख मांग में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाने व निजी क्षेत्र के बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने की मांग शामिल है. रैली के बाद हुई सभा को विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया.
वक्ताओं ने कहा कि 2008 में आयी मंदी के बाद दुनिया में ज्यादातर बैंक दिवालिया हो गये, लेकिन भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर खरोंच तक नहीं आयी. वर्ष 1951 में देश में 556 बैंक थे, जो 1969 तक घटकर 85 हो गये.
471 बैंक दिवालिया हो गये, लोगों के पैसे डूब गये. जनता व बैंककर्मियों के आंदोलन के बाद 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया. अब फिर से बैंकों के निजी करण का प्रयास हो रहा है. बैंककर्मियों ने इसका विरोध किया. सभा में कहा गया कि बैंकों को बचाने के लिए संघर्ष किया जायेगा. योगेश सिंह, प्रशांत शांडिल्य, अभिजीत मल्लिक, मो नइम समेत अन्य ने संबोधित किया.

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