छह माह बीत गये, किसी मामले में नहीं हुई कार्रवाई
रांची : मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद रघुवर दास ने 20 जनवरी को राज्य भर के पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में रांची शहर में अपराध पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय किये जाने की बात तय की गयी थी. लेकिन छह माह बीतने के बाद भी […]
रांची : मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद रघुवर दास ने 20 जनवरी को राज्य भर के पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में रांची शहर में अपराध पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय किये जाने की बात तय की गयी थी. लेकिन छह माह बीतने के बाद भी किसी भी मामले में बात आगे नहीं बढ़ी है.
पुलिस मुख्यालय के उस प्रस्ताव पर भी सरकार के स्तर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जिसमें शहर के थानों को अपग्रेड करने की अनुशंसा की गयी है. मुख्यमंत्री की उस बैठक में से केवल एक निर्देश का पालन किया गया है, जिसमें बार-बार एक ही जिला में पदस्थापित होने वाले दारोगा को हटाने की बात कही गयी थी.
रांची शहर में सीनियर अफसर के जिम्मे बहुत काम होने की वजह से सिटी एसपी का एक और पद सृजित करने की बात कही गयी थी. लेकिन यह काम अब तक पूरा नहीं किया गया है. थानों में पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों की संख्या को बढ़ाना था. बैठक के कुछ दिन बाद तक प्रतिनियुक्ति पर जैप से जवान दिये गये, पर आज हालात पहले जैसे ही हो गये हैं.
बैठक में यह बात भी सामने आयी थी कि पुलिसिंग के मॉडल में बदलाव लाने की जरूरत है. देश में केरल व राजस्थान पुलिस का मॉडल सबसे बेहतर है. इसलिए वहां की पुलिसिंग मॉडल को लागू किया जा सकता है. अब तक किसी भी अधिकारी ने दोनों राज्यों की पुलिसिंग का अध्ययन करने तक का भी काम नहीं किया है.