18 मार्च 1974 से लेकर 21 मार्च 1977 तक चले आंदोलन के तहत पुलिस फायरिंग में मारे गये या जेल में मरनेवाले आंदोलनकारियों (पति या पत्नी) को पेंशन के तहत पांच-पांच हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे. मीसा या डीआइआर के तहत छह माह से अधिक समय तक जेल में रहनेवालों को भी पांच हजार रुपये पेंशन मिलेगी. छह माह से कम दिनों तक जेल में रहनेवालों को दो हजार व घायल हुए आंदोलनकारियों को 2500 रुपये पेंशन दी जायेगी.
एक माह से कम जेल में रहनेवालों को प्रशस्ति पत्र मिलेगा. आंदोलनकारी (पति-पत्नी) को 30 हजार रुपये वार्षिक आधार पर सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में चिकित्सकीय लाभ मिलेगा.