बोकारो डीसी को बरखास्त करें : बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा वित्त सचिव ने की जांच चारित्री रिपोर्ट है फरजी रांची : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फरजी वार्षिक चारित्री रिपोर्ट के आधार पर आइएएस में नियुक्ति होने के आरोपी मनोज कुमार को बरखास्त करने की मांग की है. श्री मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख […]
बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा
वित्त सचिव ने की जांच चारित्री रिपोर्ट है फरजी
रांची : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फरजी वार्षिक चारित्री रिपोर्ट के आधार पर आइएएस में नियुक्ति होने के आरोपी मनोज कुमार को बरखास्त करने की मांग की है. श्री मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा है कि झारखंड में गैर प्रशासनिक सेवा संवर्ग से आइएएस में नियुक्ति का यह घोटाला है.
नियमों का उल्लंघन कर मनोज कुमार को आइएएस में नियुक्ति किया गया है. श्री मरांडी ने प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से बताया है कि इस मामले की जांच राज्य सरकार ने वित्त सचिव अमित खरे से करायी है. वित्त सचिव ने कार्मिक विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है. जांच रिपोर्ट में मनोज कुमार के मामले में नियमों के उल्लंघन की बात कही गयी है.
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि श्री कुमार के पैतृक जल संसाधन विभाग द्वारा गठित चयन समिति ने कार्मिक विभाग द्वारा तय नियमों/मापदंडों का उल्लंघन करते हुए श्री कुमार के नाम की अनुशंसा की है. जांच रिपोर्ट में श्री कुमार के सभी विशेष चारित्री रिपोर्ट को गलत बताया गया है. श्री मरांडी ने कहा कि वह इस संबंध में पहले भी पत्र लिख चुके हैं.
वित्त सचिव श्री खरे की जांच रिपोर्ट उनके आरोपों को प्रमाणित करती है. झाविमो अध्यक्ष ने कहा कि पहले लिखे गये उनके पत्र का यूपीएससी ने जवाब दिया है. यूपीएससी ने कहा था कि विशेष चारित्री राज्य सरकार का मामला है, लेकिन आइएएस (चयन के आधार पर नियुक्ति) रेगुलेशन एक्ट 1997 की कंडिका-05 में उल्लेख है कि यूपीएससी कमेटी के अनुशंसित उम्मीदवारों के सेवा अभिलेखों (सर्विस रिकॉर्ड) के परीक्षण एवं व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर पारदर्शी तरीके से सही उम्मीदवार का चयन करेगी.
इससे साफ है कि यूपीएससी भी अपनी जिम्मेवारी से नहीं बच सकता है. श्री मरांडी ने कहा कि वित्त सचिव की जांच रिपोर्ट के आलोक में मनोज कुमार पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाये. ऐसे मामले में कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे जनता को आपके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के प्रति विश्वास पुख्ता बना रह सके.