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हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हुआ वेतन भुगतान

रांची : इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट फैक्टरी (इइएफ) टाटीसिलवे तथा हाइ टेंशन इंसुलेटर फैक्टरी (एचटीआइएफ), मैलुबल कास्ट आयरन व स्वर्ण रेखा घड़ी कारखाना, सामलौंग के कर्मचारियों को उनके वेतन व भविष्य निधि सहित अन्य भुगतान न्यायालय के आदेश के बाद भी लंबित है. वेतन व अन्य बकाया भुगतान को लेकर दायर कर्मचारी महासंघ की जनहित याचिका (सं- […]

रांची : इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट फैक्टरी (इइएफ) टाटीसिलवे तथा हाइ टेंशन इंसुलेटर फैक्टरी (एचटीआइएफ), मैलुबल कास्ट आयरन व स्वर्ण रेखा घड़ी कारखाना, सामलौंग के कर्मचारियों को उनके वेतन व भविष्य निधि सहित अन्य भुगतान न्यायालय के आदेश के बाद भी लंबित है.
वेतन व अन्य बकाया भुगतान को लेकर दायर कर्मचारी महासंघ की जनहित याचिका (सं- 6507/2010) की सुनवाई के बाद झारखंड उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने अपने आदेश (संख्या 14, दिनांक 29 अक्तूबर 2012) में बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम को झारखंड उच्च न्यायालय में 75 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था.
इसके बाद निगम ने सात करोड़ रुपये ही जमा करते हुए यह कहा था कि शेष रकम जमा करा दी जायेगी. करीब दो वर्ष बाद भी शेष 68 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा नहीं किये गये हैं. गौरतलब है कि उपरोक्त कारखाने निगम के अधीन हैं.
जूझ रहे आर्थिक संकट से
इन कारखानों में वर्ष 1993 से ही वेतन भुगतान बाधित होने लगा था. इससे कर्मचारियों के वेतन मद में करोड़ों का बकाया हो गया है. इन कारखानों के ज्यादातर कर्मचारी करीब 40 वर्षो की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गये हैं. इइएफ के 419 तथा हाइटेंशन के करीब चार सौ कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गये या उनकी मौत हो गयी है. अभी सभी चार कारखानों को मिला कर करीब 200 कर्मचारी कार्यरत हैं.
घोर आर्थिक संकट के कारण सेवानिवृत्त तथा अभी कार्यरत कर्मचारी भी दवा व समुचित इलाज के अभाव में लगातार मर रहे हैं. अब कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय से गुजारिश की है कि पूर्व के आदेश के आलोक में निगम से शेष राशि जमा करवा कर उन्हें राहत दिलायी जाये.

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