इनामी नक्सली को पकड़ा, नहीं मिली राशि
रांची : झारखंड में सक्रिय बड़े नक्सलियों और उग्रवादियों पर घोषित इनाम की राशि सरकार बढ़ा चुकी है, लेकिन वर्ष 2010 में 10 लाख के इनामी नक्सली उदय सिन्हा को पकड़ने वाले पुलिस पदाधिकारियों को अब तक इनाम की राशि नहीं मिली है. इनाम की राशि पाने के लिए पुलिस पदाधिकारी अब तक विभाग के […]
रांची : झारखंड में सक्रिय बड़े नक्सलियों और उग्रवादियों पर घोषित इनाम की राशि सरकार बढ़ा चुकी है, लेकिन वर्ष 2010 में 10 लाख के इनामी नक्सली उदय सिन्हा को पकड़ने वाले पुलिस पदाधिकारियों को अब तक इनाम की राशि नहीं मिली है.
इनाम की राशि पाने के लिए पुलिस पदाधिकारी अब तक विभाग के कई चक्कर लगा चुके हैं. उदय सिन्हा को चार अगस्त, 2010 को लालपुर थाना क्षेत्र स्थित वर्धमान कंपाउंड के श्याम कुंज अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 302 से गिरफ्तार किया गया था. उदय सिन्हा की गिरफ्तारी के बाद उसे पकड़े वाले पुलिस पदाधिकारियों को इनाम की घोषणा तत्कालीन एसएसपी ने की थी.
वहीं 25 अक्तूबर, 2011 को स्पेशल ब्रांच के एडीजी से अनुशंसा की गयी थी, लेकिन इस अनुशंसा के बाद भी इनाम की राशि नहीं मिल पायी.
क्या लिखा था स्पेशल ब्रांच ने
स्पेशल ब्रांच ने 12 फरवरी, 2012 को रांची के एसएसपी को पत्र भेज कर बताया था कि झारखंड सरकार द्वारा जिस नक्सली उदय सिन्हा उर्फ शैलेश जी उर्फ राजेश के नाम पर 10 लाख रुपये इनाम की घोषणा की गयी है, सरकार के रिकॉर्ड में उसका पता जहानाबाद जिला के किंजर थाना क्षेत्र है, जबकि पुलिस रिकॉर्ड में उसका पता भागलपुर जिला के मिरजापुर थाना क्षेत्र स्थित सिकंदरापुर है.
सरकार द्वारा जारी इनामी नक्सली की सूची में दर्ज पता और पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज पते में अंतर है. ऐसी स्थिति में पता का सत्यापन की जरूरत है.
फिर से भेजी गयी है रिपोर्ट
स्पेशल ब्रांच के निर्देश पर वर्ष 2014 में पुलिस की एक टीम को फिर से बिहार भेज कर उदय सिन्हा के पते का सत्यापन कराया गया है. जांच में उदय सिन्हा का पता पुलिस की रिकॉर्ड की रिकॉर्ड में दर्ज पता ही पाया गया. रिपोर्ट भी तैयार कर भेजी जा चुकी है. इसके बावजूद उदय सिन्हा को गिरफ्तार करने वाले पुलिस पदाधिकारियों को इनाम नहीं मिले.