आकाशवाणी रांची का स्थापना दिवस मना

27 जुलाई 1957 को हुई थी स्थापना रांची : आकाशवाणी रांची का स्थापना दिवस सोमवार को धूमधाम से मनाया गया. आकाशवाणी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कलाकारों ने शास्त्रीय संगीत एवं गजल की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम का शुभारंभ गायक श्यामा प्रसाद नियोगी की सरस्वती वंदना से हुआ. उन्होंने ख्याल गीत मानत नाहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2015 1:59 AM
27 जुलाई 1957 को हुई थी स्थापना
रांची : आकाशवाणी रांची का स्थापना दिवस सोमवार को धूमधाम से मनाया गया. आकाशवाणी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कलाकारों ने शास्त्रीय संगीत एवं गजल की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम का शुभारंभ गायक श्यामा प्रसाद नियोगी की सरस्वती वंदना से हुआ. उन्होंने ख्याल गीत मानत नाहीं रसिया, सुनाया जिसे लोगों ने खूब सराहा. उनका साथ तबले पर संदीप चटर्जी एवं तानपुरा पर छंदा गुप्ता ने दिया.
इसके बाद गजल गायिका मृणाली अखौरी ने अपनी प्रस्तुति दी. उन्होंने ऐसे चुप है कि मंजिल खड़ी हो जैसे, तेरा मिलना हो जुदाई जैसा. इसके बाद उन्होंने पीडी खन्ना की गजल ये फितरत है हमारी, जिसको अपना मान लेते है, अगर जान भी मांगे तो हंस कर जान देते है.
कार्यक्रम में आकाशवाणी की केंद्र निदेशिका नीलम सहाय ने कहा कि आकाशवाणी की स्थापना 27 जुलाई 1957 को हुई थी. यहां से सूचना, शिक्षा एवं मनोरंजन का प्रसारण किया जाता था, जो आज भी जारी है. आकाशवाणी हमेशा संगीत एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करने करने का काम करता है.
मौके पर दूरदर्शन के प्रभारी निदेशक पीके झा, एके सहाय, मधुकर पांडेय, आत्मेश्वर झा, प्रभु शरण, मनोज कुमार, प्रभात, अनिता तिर्की, मेरी सोरेंग, लोकनाथ भगत, आशीष लकड़ा,एस कुंडलना, एस कुंडलना, एसके सिंकू, एमके पोद्दार, करमचंद तिग्गा, वीरेंद्र ठाकुर, नीरज पांडेय, राजेश, निवासचंद्र ठाकुर, आइके सिंह आदि मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन पंकज ने किया.
केंद्र निदेशक ने भी दी प्रस्तुति
स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्र निदेशक नीलम सहाय भी अपने को रोक नहीं सकी. उन्होंने अपने गीत से लोगों को भाव विभोर कर दिया. शांति प्रसाद की रचना को गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया. जाने क्यों तुमसे मिलने की आशा कम विश्वास बहुत है, प्रस्तुत किया.

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