दिलचस्पी नहीं दिखा रही कंपनियां

रांची : झारखंड में बिजली सब स्टेशन बनाने के लिए अब कोई भी पार्टियां दिलचस्पी नहीं ले रही हैं. इसका खुलासा स्वयं झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के पत्र के माध्यम से हुआ है. इसमें कहा गया है कि राज्य विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने एक माह पहले झारखंड में बिजली की आधारभूत संरचना को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2015 2:00 AM
रांची : झारखंड में बिजली सब स्टेशन बनाने के लिए अब कोई भी पार्टियां दिलचस्पी नहीं ले रही हैं. इसका खुलासा स्वयं झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के पत्र के माध्यम से हुआ है.
इसमें कहा गया है कि राज्य विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने एक माह पहले झारखंड में बिजली की आधारभूत संरचना को लेकर रिपोर्ट मांगी थी. इस पर आज तक ऊर्जा निगम की तरफ से जवाब नहीं दिया जा सका है. प्राक्कलन समिति ने 25 जून को बैठक बुला कर यह जानना चाहा था कि राज्य के आधा दर्जन से अधिक जगहों पर बन रहे सब स्टेशन की क्या स्थिति है.
समिति ने सरिया, गिरिडीह में सब स्टेशन बनाने के लिए आवेदक कंपनियों के नहीं आने को भी गंभीरता से लिया था. गिरिडीह सब स्टेशन के निर्माण को लेकर तीन बार निविदा भी निकाली गयी, पर सिर्फ दो कंपनियां ने ही दिलचस्पी दिखायी.
इससे टेंडर को फाइनल ही नहीं किया जा सका. समिति ने जसीडीह सब स्टेशन को लेकर एल-वन कंपनी को कार्यादेश ही नहीं दिये जाने के मामले पर भी रिपोर्ट मांगी थी. इसके अलावा जैनामोड़ सब स्टेशन निर्माण का कार्यादेश भी निगम में लंबित पड़े रहने, जसीडीह अंतर्गत पावर सब स्टेशन, ग्रिड सब स्टेशन बनाने में भी अनावश्यक विलंब होने की भी जानकारी मांगी थी.
दुमका, साहेबगंज में ट्रांसमिशन की स्थिति की जानकारी भी समिति को सरकार ने नहीं उपलब्ध करायी है. उप राजधानी दुमका समेत देवघर अंचल, साहेबगंज में बिजली फ्रेंचाइजी के कर्मियों का नाम और इनसे संबंधित ब्योरा भी विभाग से नहीं भेजा गया.
तालझरी पावर सब स्टेशन, सिल्ली में 100 केवीए के ट्रांसफारमर की स्थापना, बोकारो जिले के चास प्रखंड के गैर विद्युतीकृत गांवों की सूची, झारखंड राज्य में छोटे बड़े शहरों में कम वोल्टेज की समस्या का कारण भी नहीं बताया जा रहा है. खराब पड़े ट्रांसफारमर की मरम्मत के प्रावधानों की जानकारी भी समिति को उपलब्ध नहीं करायी गयी है.

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