शहर व गांव को हरा-भरा बनायें : कोर्ट

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे पेड़ कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गो ग्रीन अभियान चला कर शहर और गांवों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2015 2:02 AM
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे पेड़ कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गो ग्रीन अभियान चला कर शहर और गांवों को हरा-भरा बनाया जाये. लगे हुए वृक्षों को बचायें.
खंडपीठ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे पौधा रोपण के प्रति विभागों को संवेदनशील बनाये. विकास के लिए जरूरी होने पर ही पेड़ों को हटाया जाये. जो पेड़ बचाया जा सकता है, उसे निश्चित रूप से बचाया जाये. तकनीक का उपयोग कर पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाये. भविष्य को देखते हुए एनएच, स्टेट हाइवे सहित अन्य सड़कों के किनारे पौधा लगाना चाहिए. पौधा रोपण को बढ़ावा देने के लिए सभी लोगों का सहयोग लिया जाना चाहिए.
इसमें आर्मी को भी जोड़ा जाये. पौधा रोपण अभियान में सरकारी, अर्धसरकारी, गैर सरकारी, एनजीओ, स्कूली बच्चों, पीएलवी, एनसीसी, एनएसएस सहित सभी को जोड़ते हुए लक्ष्य हासिल किया जाये. पेड़ लगा कर ही राज्य की सुंदरता को वापस लाया जा सकता है.
खंडपीठ ने 20 प्वांइट निर्देश पर मौखिक रूप से कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर सरकारी, गैर सरकारी, स्कूल-कॉलेज, हाइकोर्ट परिसर तक में एक जैसे पौधे लगाये जायें. हाइकोर्ट के धुर्वा परिसर में लगभग 45 एकड़ जमीन पर पौधा लगाया जायेगा. यहां लगाये जानेवाले पौधे एक जैसे होंगे. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सितंबर की तिथि निर्धारित की.
इससे पूर्व एमीकस क्यूरी दिलीप जेरथ ने कहा कि हिनू नदी में नालियों के सहारे गंदा पानी जा रहा है. यह पानी डैम में जाता है, जहां से आपूर्ति कर पानी घरों में भेजा जाता है. गौरतलब है कि पेड़ों की कटाई को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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